यहाँ समझें! SIP पर कैसे लगेगा टैक्स? – पूरी डिटेल एनालिसिस

सरकार ने इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स बढ़ाकर निवेशकों को चौंका दिया है। 23 जुलाई को पेश हुए यूनियन बजट में STCG टैक्स को 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है। इसके अलावा, LTCG टैक्स को 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया है।

हालांकि, सरकार ने LTCG टैक्स में कुछ राहत दी है। अब एक वित्तीय वर्ष में LTCG टैक्स की छूट लिमिट 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपए कर दी गई है। इस बदलाव का असर निवेशकों पर सीधा पड़ेगा। जो लोग छोटी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, उन्हें अब ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा। हालांकि, लंबी अवधि के निवेशकों को मामूली राहत मिलेगी। 

SIP के जरिए मंथली निवेश 20,000 करोड़ रुपए: बजट 2024 का असर

अप्रैल 2024 में SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए मंथली निवेश ने 20,000 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर लिया है। यह डेटा दिखाता है कि म्यूचुअल फंड भारतीय निवेशकों के बीच एक पसंदीदा विकल्प बना हुआ है। लेकिन बजट 2024 के बाद निवेशकों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं, खासकर कि SIP से मिलने वाले रिटर्न या कैपिटल गेन पर टैक्स कैसे लगेगा।

बजट 2024 में, इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है। वहीं, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया है। हालांकि, LTCG टैक्स की छूट सीमा अब 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपए कर दी गई है, जिससे लंबी अवधि के निवेशकों को थोड़ी राहत मिलेगी।

SIP निवेशकों के लिए, यह बदलाव टैक्स की योजना बनाते समय महत्वपूर्ण हो जाएगा। अगर निवेशक कम अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो उन्हें ज्यादा टैक्स चुकाना होगा। लेकिन अगर निवेश लंबी अवधि के लिए है, तो उन्हें कुछ छूट मिलेगी। इस नए टैक्स स्ट्रक्चर को ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को अपनी निवेश रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा। 

SIP के टैक्सेशन के नियम: जानें कैसे लगेगा टैक्स

म्यूचुअल फंड पर टैक्स कैसे लगेगा, यह जानना हर निवेशक के लिए जरूरी है। सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) की हर एक इंस्टॉलमेंट को एक अलग निवेश के रूप में माना जाता है। उदाहरण के लिए, अगर आप हर महीने 10,000 रुपये की SIP इक्विटी म्यूचुअल फंड में करते हैं, तो हर इंस्टॉलमेंट को अलग-अलग निवेश के रूप में देखा जाएगा। 

टैक्स लगाने के लिए होल्डिंग समय और लागू टैक्स रेट को ध्यान में रखते हुए, प्रत्येक इंस्टॉलमेंट को अलग से काउंट किया जाएगा। म्यूचुअल फंड निवेश में फर्स्ट-इन-फर्स्ट-आउट (FIFO) अप्रोच का उपयोग किया जाता है। इसका मतलब है कि जब आप म्यूचुअल फंड यूनिटों को रिडीम करते हैं, तो सबसे पहले खरीदी गई यूनिटों को सबसे पहले बेचा हुआ माना जाता है।

इससे यह तय होता है कि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर कितना टैक्स लगेगा। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स वर्तमान में 20% है, जबकि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स 12.5% है। LTCG पर 1.25 लाख रुपए तक की छूट भी मिलती है। 

इक्विटी फंडों पर टैक्स: नए नियम और उनका असर

बजट 2024 में इक्विटी फंडों पर टैक्स में बदलाव किए गए हैं, जिससे निवेशकों पर सीधा असर पड़ेगा। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स में 10% से 12.5% की मामूली बढ़ोतरी हुई है। इससे लंबी अवधि के निवेशकों को थोड़ा अधिक टैक्स चुकाना पड़ सकता है। हालांकि, LTCG टैक्स की छूट सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे छोटे निवेशकों को कुछ राहत मिलेगी।

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स को 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है। यह बदलाव उन निवेशकों पर प्रभाव डालेगा जो छोटी अवधि के लिए इक्विटी में निवेश करते हैं। इसका मतलब है कि जो निवेशक अपने फंड्स को एक साल से कम समय में रिडीम करते हैं, उन्हें अब अधिक टैक्स चुकाना पड़ेगा। 

यह जरूरी है कि निवेशक अपने निवेश को योजना बनाकर करें, ताकि टैक्स का बोझ कम हो सके। नए टैक्स रेट्स को ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए और जरूरत के हिसाब से उसमें बदलाव करने चाहिए।

Prashant Raghav is Finance content creator and covering latest share news, Solar News and green energy news from last 2 year. Prashant's strong writing skills and Financial knowledge make his content informative and engaging for readers. Contact: [email protected]

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