झारखंड सरकार ने राज्य के अस्थाई कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों और अन्य सरकारी निकायों में काम कर रहे लगभग 90 हजार संविदा, आकस्मिक, दैनिक वेतन और आउटसोर्स एजेंसी के कर्मचारियों को अब ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) का लाभ मिलेगा।
मुख्य सचिव एल. खियांगते ने राज्य के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त और उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम 1952 के तहत इन अस्थाई कर्मचारियों को भी ईपीएफ का लाभ सुनिश्चित किया जाए। यह कदम अस्थाई कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने और उनके कामकाजी जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
क्या मिलेगा 90 हजार अस्थाई कर्मचारियों को लाभ जानें
झारखंड सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। भारत सरकार के 2017-18 के निर्देशों के तहत, 15,000 रुपये या उससे कम मानदेय पाने वाले अस्थाई कर्मचारियों को पहले ही कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) का लाभ मिल रहा था। हालांकि, 15,000 रुपये से अधिक मानदेय वाले कर्मचारियों को यह लाभ नहीं मिल पा रहा था।
अब मुख्य सचिव द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार, राज्य के लगभग 90 हजार अस्थाई कर्मचारियों को भी ईपीएफ का लाभ मिलेगा। यह कदम कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में सहायक साबित होगा।
NHM कर्मियों को भी मिलेगा ईपीएफ का लाभ
झारखंड में नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के तहत संविदा पर कार्यरत लगभग 12 हजार कर्मियों में से वर्तमान में 5,000 कर्मियों को कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) का लाभ मिल रहा है। ये कर्मी वे हैं जिनका मानदेय 15 हजार रुपये तक था। हालांकि, 15 हजार रुपये से अधिक मानदेय प्राप्त करने वाले बाकी 7,000 कर्मियों को इस लाभ से वंचित रखा गया था।
शिक्षा विभाग में भी स्थिति समान है। यहां पर 60 हजार अस्थाई कर्मी हैं जिनकी आय 15 हजार रुपये से अधिक है। अब इन कर्मियों को भी ईपीएफ का लाभ मिलने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि जिन प्रतिष्ठानों में 20 या उससे अधिक कर्मी कार्यरत हैं, वहां यह अधिनियम लागू होता है।
NHM के MD ने ईपीएफ लाभ के लिए भविष्य निधि आयुक्त से मांगा मंतव्य
नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के प्रबंध निदेशक आलोक त्रिवेदी ने एनएचएम के तहत काम कर रहे कर्मियों को कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) का लाभ देने के लिए भविष्य निधि आयुक्त से मंतव्य मांगा है। वर्तमान में, अनुबंध पर कार्यरत वे कर्मी जिनका मानदेय 15 हजार रुपये से अधिक है, उन्हें ईपीएफ का लाभ नहीं मिल रहा है। आलोक त्रिवेदी का कहना है कि इन कर्मियों को भी ईपीएफ का लाभ मिलना चाहिए, ताकि उनके भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।