बिहार में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नई नीति तैयार की है, जो जल्द ही लागू होने वाली है। पटना में आयोजित ‘बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024’ सम्मेलन में ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने देश-विदेश के निवेशकों से इस क्षेत्र में निवेश करने की अपील की।
उन्होंने बताया कि नई नीति से सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। यह नीति राज्य के विकास में नई ऊर्जा भरेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगी। सरकार का यह कदम पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ बिजली की कमी को दूर करने में मदद करेगा। जल्द ही इसे कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
बिहार में निवेश के लिए नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र बना आकर्षण का केंद्र
बिहार में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने नई नीति तैयार की है। ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने बताया कि यह नीति बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सुझावों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। निवेशकों के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी, जिससे कारोबार करना आसान होगा।
सचिव ने कहा कि बिहार में ऊर्जा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। निवेशक सौर ऊर्जा उत्पादन, ट्रांसफार्मर निर्माण, स्मार्ट मीटर, वैक्यूम सर्किट ब्रेकर और कंडक्टर निर्माण जैसे क्षेत्रों में निवेश कर सकते हैं। साथ ही, पंप स्टोरेज और फ्लोटिंग सोलर परियोजनाओं में भी आकर्षक अवसर दिए जा रहे हैं। सरकार निवेशकों को भूमि, निर्बाध बिजली आपूर्ति और सभी आवश्यक मंजूरी देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
बिहार में ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती देने की तैयारी
बिहार सरकार राज्य में उद्योगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तीन स्वतंत्र ग्रिड स्थापित करने की योजना बना रही है। ऊर्जा विभाग के अनुसार, जुलाई 2025 तक 185 मेगावाट और 254 मेगावाट प्रति घंटे की बैटरी स्टोरेज क्षमता वाली सौर परियोजनाएं चालू कर दी जाएंगी। सरकार पहले चरण में 500 मेगावाट और 1500 मेगावाट प्रति घंटे की बैटरी स्टोरेज परियोजनाओं पर भी काम शुरू करने जा रही है। इसके साथ ही, राज्य में 800 मेगावाट की क्षमता वाला थर्मल पावर प्लांट भी स्थापित किया जाएगा।