क्या बादल में भी बिजली देती है सोलर पैनल ? जाने कैसे काम करता है सोलर पैनल

आजकल, सोलर पैनल अपने घरों में लगाना एक स्वाभाविक विकल्प बन गया है। यह एक ऊर्जा संग्रहण और उत्पादन की मशीनरी है जो सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके बिजली उत्पादित करती है। लेकिन कुछ लोगों के मन में यह सवाल होता है कि क्या सोलर पैनल बादलों के आगमन पर बिजली उत्पादन करना बंद कर देते हैं।

यह तथ्य है कि सोलर पैनल बादलों के आगमन पर बिजली उत्पादन करना बंद नहीं करते। बल्कि, अधिक घने बादल या मौसम के खराब होने पर, उनकी प्रदर्शन क्षमता में कमी आ सकती है। यहां तक कि अगर बादलों के आगमन के कारण सूर्य की किरणें सीधे सोलर पैनल तक न पहुंचें, तो भी सोलर पैनल अपने संग्रहित ऊर्जा का उपयोग करके बिजली उत्पादित कर सकते हैं। सोलर पैनल सिस्टम काफी सरल है। सूर्य के प्रकाश को अपने पैनलों में धारण किया जाता है, जो एक प्रकार के चुंबकों के सहायता से ऊर्जा में रूपांतर होता है।

solar panel in monsoon
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जानें सोलर पैनल और बादल लगने पर बिजली बना क्यों बंद कर देते हैं 

सोलर पैनल सिस्टम वास्तव में सूर्य की किरणों से ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करता है। लेकिन जब बादल घने हो जाते हैं या फिर बारिश की वजह से सूर्य की किरणें पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाती हैं, तो सोलर पैनल की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है।

इससे सोलर पैनल की उत्पादकता में कुछ कमी आ सकती है। यह जरूरी है कि सोलर पैनल के लिए सूर्य की किरणें सम्पूर्णता से पहुंचना चाहिए। जब बादल बन जाते हैं, तो पूरी तरह से सूर्य की किरणें प्रतिबंधित नहीं होती हैं, लेकिन यह थोड़ी कमियों में आ सकती है।

इसके परिणामस्वरूप, सोलर पैनल बिजली उत्पादन को कम कर सकते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से बंद नहीं होता।इस प्रकार, सोलर पैनल सिस्टम अविरलता और संवेदनशीलता के साथ काम करता है। बादलों के आने पर यह कुछ सामय के लिए धीमा हो सकता है, लेकिन जब सूर्य की किरणें फिर से प्रकाशित होती हैं, तो यह फिर से नॉर्मल काम करना शुरू कर देता है। इसलिए, सोलर पैनल बादलों के आने पर भी आपको बिजली की सप्लाई मिलती रहती है।

 देखिए बादल में कैसे काम करते हैं सोलर पैनल

सोलर पैनल की दुनिया में, कई प्रकार के पैनल उपलब्ध हैं, लेकिन मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल एक उत्कृष्ट विकल्प होता है। यह पैनल सिलिकॉन के एक सिंगल क्रिस्टल से बनाया जाता है, जिसके कारण इसमें अधिकतम क्षमता होती है।

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल का उत्पादन करने के लिए एक ही सिलिकॉन क्रिस्टल का उपयोग होता है, जो उसकी क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा, इसमें अशुद्धियों का खतरा भी कम होता है, जो इसे अधिक संवेदनशील बनाता है।मोनोक्रिस्टलाइन पैनल सूर्य के कम प्रकाश में भी अधिक तेज गति से बिजली उत्पादित कर सकते हैं, जो इसे अन्य पैनलों से अलग बनाता है। इसके प्रदर्शन में शानदार होने के कारण, यह पैनल बादली या मौसम के परिवर्तन के दौरान भी प्रदर्शन करते हैं।

 जानिए सोलर पैनल के बारे में

सोलर पैनल सिस्टम एक ऊर्जा उत्पादन प्रणाली है जो सूर्य की किरणों का उपयोग करके बिजली उत्पादित करती है। यह सिस्टम कई तरह के सोलर सेलों से मिलकर बनाया जाता है, जिन्हें वैज्ञानिक भाषा में फोटोन्स कहा जाता है। ये सेल सूर्य की किरणों को अवशोषित करके इलेक्ट्रिक ऊर्जा में बदल देते हैं।

इसलिए, इन सोलर सेलों को फोटो-वोल्टिक सेल के नाम से भी जाना जाता है। सोलर पैनल से उत्पन्न विधुत ऊर्जा को सोलर इन्वर्टर के माध्यम से बिजली में परिवर्तित किया जाता है, जो आपके घरों में बिजली से चलने वाले उपकरणों के लिए उपयोग किया जा सकता है।

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Prashant Raghav is Finance content creator and covering latest share news, Solar News and green energy news from last 2 year. Prashant's strong writing skills and Financial knowledge make his content informative and engaging for readers. Contact: [email protected]

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