सोलर पैनल के अनेक फायदों को देखते हुए अब लोग इसे अपने व्यवसायों में भी अपनाने लगे हैं। उत्तर प्रदेश के बदायूं, जो दिल्ली से लगभग 250 किलोमीटर दूर स्थित है, में पहली बार मछली पालन बिज़नस के लिए सोलर पैनल लगाए गए हैं। इस कदम से मछली पालन व्यवसाय में ऊर्जा की बचत होगी और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
बदायूं के इस नवाचार से किसानों को बिजली की समस्या से निजात मिलेगी, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता और लाभ दोनों में वृद्धि होगी। सोलर पैनल के उपयोग से मछली तालाबों में पानी की उचित आपूर्ति बनी रहेगी, जिससे मछलियों का विकास बेहतर होगा। इसके अलावा, सोलर पैनल की वजह से बिजली के खर्च में कमी आएगी, जो कि मछली पालन के कुल लागत को कम करने में मदद करेगा।
मछली पालन में सोलर पैनल का उपयोग: ऊर्जा संकट का समाधान
लूम सोलर के पार्टनर हेमंत कुमार का कहना है कि Residential Meter Connection को किसी Commercial काम के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता है। एग्रीकल्चर मीटर का खर्चा महीने में 400 से 500 रुपये होता है, जबकि Residential और Commercial मीटर का खर्च 7.5 रुपये प्रति यूनिट है। अगर डीजल इंजन का उपयोग किया जाए, तो रोजाना लगभग 500 रुपये का खर्च आता है। इन समस्याओं को देखते हुए, सोलर पैनल का उपयोग करना एक बेहतर विकल्प है।
सोलर पैनल का उपयोग करने से बिजली की लागत में काफी कमी आती है। डीजल इंजन की बजाय सोलर पैनल का इस्तेमाल करने से न केवल खर्च कम होता है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल होता है। सोलर पैनल एक बार लगाने के बाद लंबे समय तक चलने वाला और कम रखरखाव वाला होता है।
सोलर पैनल लगाने से मछली पालन में बिजली की समस्या का समाधान हो जाता है और यह बिजली के नियमित और भरोसेमंद स्रोत के रूप में काम करता है। यह कदम बदायूं के मछली पालकों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, क्योंकि इससे उनकी उत्पादन लागत में कमी आएगी और मुनाफा बढ़ेगा।
सोलर वाटर पंप: मछली पालन में ऊर्जा की बचत का नया रास्ता
बदायूं के मछली पालन व्यवसाय में सोलर वाटर पंप का उपयोग किया गया है, जिसमें 7.5 HP के वाटर पंप के लिए 9.5 किलोवाट सोलर पैनल, 20 HP का VFD और इंस्टॉलेशन किट लगाई गई है। इस पूरे सिस्टम को स्थापित करने का खर्च लगभग 3,00,000 रुपये आया है, जो तीन वर्षों में वापसी हो जाएगा। इसके बाद, अगले 25 वर्षों तक मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा।
सोलर वाटर पंप लगाने से मछली पालन व्यवसाय में बिजली की लागत में भारी कमी आएगी। पारंपरिक डीजल इंजन या बिजली कनेक्शन की तुलना में सोलर पैनल एक स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है। सोलर पैनल एक बार लगाने के बाद लंबे समय तक चलते हैं और कम रखरखाव की जरूरत होती है, जिससे किसानों का समय और पैसा दोनों बचता है।
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