वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 पेश करने के बाद पुरानी आयकर व्यवस्था पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने अभी तक यह फैसला नहीं किया है कि ओल्ड टैक्स रिजीम को बंद किया जाएगा या नहीं। सीतारमण ने जोर देकर कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य टैक्स प्रणाली को सरल और सुविधाजनक बनाना है ताकि आम नागरिक आसानी से इसका लाभ उठा सकें।
उन्होंने यह भी बताया कि पुरानी आयकर व्यवस्था को खत्म करने या बनाए रखने का निर्णय पूरी तरह से गहन समीक्षा के बाद ही लिया जाएगा। इससे यह साफ होता है कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएगी।
निर्मला सीतारमण ने क्या बताया आइये जानते हैं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 पेश करने के बाद एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का इरादा आयकर व्यवस्था को सरल और समझने में आसान बनाने का है। नई कर व्यवस्था को इसी उद्देश्य से पेश किया गया है ताकि करदाताओं को पुरानी जटिलताओं से छुटकारा मिले।
सीतारमण ने जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2023-24 में दो-तिहाई से अधिक व्यक्तिगत करदाताओं ने नई आयकर व्यवस्था को अपनाया है, जो इसके फायदे और सरलता को दर्शाता है। पिछले वित्त वर्ष में 8.61 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए गए, जिससे यह साबित होता है कि लोग अब नई व्यवस्था को पसंद कर रहे हैं।
क्या है टेक्स्ट के मोर्चे पर बजट का फैसला जानिए
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में आयकर प्रावधानों में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की, जिससे मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने मानक कटौती को 50 प्रतिशत बढ़ाकर 75,000 रुपये करने का प्रस्ताव रखा, जिससे टैक्सदाताओं को सीधा फायदा होगा। इसके अलावा, नई कर व्यवस्था के तहत कर स्लैब में भी बदलाव किए गए हैं। इन सुधारों से नई कर व्यवस्था अपनाने वाले कर्मचारियों को 17,500 रुपये तक की कर बचत हो सकती है।
नई आयकर व्यवस्था में बड़े बदलाव को देखें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में नई आयकर व्यवस्था के तहत कर स्लैब में बड़े बदलावों की घोषणा की है, जो एक अप्रैल, 2024 से लागू होंगे। नई व्यवस्था के अनुसार, तीन लाख रुपये तक की आय को आयकर से पूरी तरह छूट मिलेगी।
तीन से सात लाख रुपये की आय पर पांच प्रतिशत, सात से 10 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत और 10 से 12 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत कर लगेगा। वहीं, 12 से 15 लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर लगता रहेगा।