Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लेकर सरकारी कर्मचारियों में उम्मीदें बहुत थीं कि केंद्रीय बजट में कुछ ठोस घोषणा की जाएगी। लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में ओपीएस का कोई जिक्र नहीं किया और केवल नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में सुधार की बात कही है। राज्य मंत्री द्वारा जारी एक बयान में स्पष्ट कर दिया गया कि सरकार के पास ओपीएस को बहाल करने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
यह बयान सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए निराशाजनक साबित हुआ है। एआईडीईएफ के महासचिव और AIUTC के राष्ट्रीय सचिव श्री कुमार ने भी अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा कि केंद्रीय बजट कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है।
क्या हो सकता है सर्वोच्च न्यायालय OPS का महत्वपूर्ण फैसला
सर्वोच्च न्यायालय ने पेंशन के विषय में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि पेंशन कोई इनाम या अनुग्रह राशि नहीं है, बल्कि यह हर सरकारी कर्मचारी का मौलिक अधिकार है। न्यायालय ने कहा, पेंशन कोई ऐसी चीज़ नहीं है जो नियुक्ति की इच्छा पर निर्भर हो, यह कर्मचारियों का अधिकार है।
सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह आदर्श नियुक्ता के रूप में इस फैसले का सम्मान करे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बावजूद, सरकार पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने के पक्ष में नहीं है।
एनपीएस में संशोधन पर क्या बातें हो रही जानिए
केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। इसके बावजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में ओपीएस को लेकर कोई घोषणा नहीं की है।
वित्त मंत्री ने केवल नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में संशोधन की बात कही है, जिसमें 50% पेंशन का विकल्प पर विचार चल रहा है। इस संशोधन के बावजूद, केंद्रीय बजट कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। सरकारी कर्मचारियों को अब भी अपनी भविष्य की वित्तीय सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है।
क्या सरकार के लिए कर्मचारी बड़ा राजस्व जुटाते हैं जानें
सरकारी कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार यह भूल जाती है कि वे देश के आर्थिक ढांचे का अहम हिस्सा हैं। वे ही विभिन्न उत्पाद और सेवाओं का उत्पादन करते हैं, जिन पर सरकार जीएसटी एकत्र करती है। सरकारी कर्मचारी न केवल राजस्व का मुख्य स्रोत हैं, बल्कि वे बाजार से अपनी जरूरतों का सामान खरीदते हैं और उस पर जीएसटी चुकाते हैं।
इस तरह वे देश के सच्चे करदाता हैं। इसके बावजूद, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा दिए गए प्रस्ताव को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नजरअंदाज कर दिया है। सरकारी कर्मचारी उम्मीद कर रहे थे कि बजट में उनकी पेंशन और अन्य मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मध्य प्रदेश 1998 शिक्षा कर्मी बिना पेंशन के रिटायर हो रहे हैं सर,
1998 शिक्षा कर्मी को भी उनका हक मिलना चाहिए।#OPS सीता राम