केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी कई वर्षों से पुरानी पेंशन योजना (OPS) को पुनः लागू करने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर कई बार बड़े पैमाने पर आंदोलन भी हो चुके हैं। कांग्रेस ने चुनावों में इस योजना को बहाल करने का वादा कर कर्मचारियों का समर्थन हासिल किया है। अब, पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र सरकार के कर्मचारियों और कार्मिक मंत्रालय के राष्ट्रीय स्तर के संयुक्त परामर्श तंत्र (जेसीएम) में कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में पुरानी पेंशन योजना को लेकर विस्तार से चर्चा की जाएगी, जिससे कर्मचारियों की उम्मीदें और बढ़ गई हैं।
पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर बैठक
कार्मिक मंत्रालय ने संयुक्त परामर्श तंत्र (जेसीएम) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा और जेसीएम के अन्य कर्मचारी प्रतिनिधियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए शनिवार को उनके आधिकारिक आवास पर आमंत्रित किया है। इस बैठक में पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने का मुद्दा प्रमुखता से उठाए जाने की संभावना है।
शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की मांग की थी ताकि वे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सीधे उनसे बातचीत कर सकें। मिश्रा ने कहा हम सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं, लेकिन पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा अभी भी अनसुलझा है।
इसे हल करने के लिए हम प्रधानमंत्री से मुलाकात करना चाहते थे। इस बैठक को लेकर सरकारी कर्मचारियों के बीच उत्सुकता बढ़ गई है, क्योंकि यह बैठक पुरानी पेंशन योजना को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, जिससे लाखों कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो सकेगा।
पुरानी पेंशन योजना और निजीकरण पर सरकार से टकराव
केंद्र सरकार और केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों की यूनियनों ने पहले 1 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया था, लेकिन सरकार के साथ बातचीत के बाद इसे स्थगित कर दिया गया। उनकी मुख्य मांगों में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण और निगमीकरण को रोकना शामिल है।
इसके अलावा, कर्मचारी केंद्र सरकार से विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को भरने की भी मांग कर रहे हैं। ये मुद्दे लंबे समय से कर्मचारियों के बीच चिंता का कारण बने हुए हैं, और वे इन मांगों के समाधान की उम्मीद में संघर्षरत हैं।