साल 2024 की शुरुआत से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी की गई है। 7 मार्च 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) को 4 फीसदी बढ़ाकर मूल वेतन का 50 फीसदी करने की मंजूरी दी थी। इसका सीधा लाभ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिला है। ये नई दरें 1 जनवरी 2024 से लागू हो गई हैं, जिसका मतलब है कि नए साल की शुरुआत से ही केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में एक महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। महंगाई भत्ते के अलावा, सरकार ने हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में भी बढ़ोतरी की है, जिससे कर्मचारियों की कुल सैलरी में और इजाफा हुआ है।
अब, चूंकि DA मूल वेतन का 50 फीसदी हो गया है, कर्मचारी 8वें वेतन आयोग की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि यह बढ़ोतरी उनकी महंगाई को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है और वे एक और वेतन आयोग की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं। इस सुधार के बावजूद, सरकारी कर्मचारियों के वेतन में और सुधार की उम्मीदें बनी हुई हैं।
8वें वेतन आयोग के लागू होने की संभावित तारीख: जानें ताज़ा जानकारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 8वें वेतन आयोग को जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है। हालांकि, इस संबंध में अभी तक सरकार या किसी अधिकारी की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। यह तात्कालिक सूचना है और पूरी तरह से अनुमानित है।
यदि 8वां वेतन आयोग लागू होता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों के मूल वेतन में 3 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना है। यह कर्मचारियों के वेतन सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, लेकिन आधिकारिक जानकारी की प्रतीक्षा करनी होगी। कर्मचारियों की वेतन वृद्धि की इस संभावित योजना के बारे में अधिक जानकारी आने पर ही पूरी स्थिति स्पष्ट होगी।
महंगाई भत्ते (डीए) की गणना कैसे की जाती है?
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और महंगाई राहत (Dearness Relief) कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन में महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जाता है। यह भत्ता साल में दो बार बढ़ाया जाता है, जिससे कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई का सामना करने में मदद मिलती है। डीए की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक – इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स (CPI-IW) के 12 महीने के औसत पर आधारित होती है।
इसमें महंगाई के स्तर का मूल्यांकन किया जाता है और फिर एक प्रतिशत निर्धारित किया जाता है। 2006 में, सरकार ने डीए और डीआर की गणना के तरीके में बदलाव किया था। इसके तहत महंगाई भत्ते की गणना के लिए नया फॉर्मूला अपनाया गया, जो महंगाई के प्रभाव को अधिक सटीकता से दर्शाता है।
महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) की गणना का फॉर्मूला
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और महंगाई राहत (Dearness Relief) की गणना महंगाई के स्तर के आधार पर की जाती है। इसका मुख्य फॉर्मूला है:
डीए प्रतिशत = ((एआईसीपीआई 115.76) / 115.76) x 100
इस फॉर्मूला में, एआईसीपीआई (All India Consumer Price Index) का वर्तमान मान महंगाई की दर को दर्शाता है। 115.76 बेस मान होता है, जो इस फॉर्मूला में तुलना के लिए उपयोग किया जाता है। इस तरह, महंगाई भत्ते की गणना से यह सुनिश्चित किया जाता है कि कर्मचारियों के वेतन में महंगाई के प्रभाव के अनुसार उचित समायोजन किया जाए।
8वें वेतन आयोग की मांग का कारण
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों द्वारा 8वें वेतन आयोग की मांग की जा रही है क्योंकि महंगाई और जीवन-यापन की लागत तेजी से बढ़ रही है। कर्मचारियों की उम्मीद है कि 8वें वेतन आयोग के माध्यम से उनके वेतन और पेंशन में सुधार होगा, जिससे वे बढ़ती महंगाई से बेहतर तरीके से निपट सकेंगे। इस समय, महंगाई के कारण उनकी वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, और वे एक उचित वेतन वृद्धि की आशा कर रहे हैं।
कर्मचारियों की सैलरी में बदलाव: क्या हो सकते हैं बदलाव?
अगर किसी कर्मचारी का मौजूदा मूल वेतन 18,000 रुपये है, तो हाल की सैलरी वृद्धि के बाद यह लगभग 8,000 रुपये बढ़कर 26,000 रुपये हो सकता है। यह वेतन वृद्धि कर्मचारियों के जीवन-यापन की गुणवत्ता में सुधार लाएगी और उन्हें वित्तीय स्थिरता प्रदान करेगी।
इस वृद्धि से कर्मचारियों को उनके बढ़ते खर्चों को बेहतर तरीके से संभालने में मदद मिलेगी। इससे उनके जीवन की बुनियादी जरूरतें पूरी हो सकेंगी और वित्तीय सुरक्षा बढ़ेगी। महंगाई के दौर में इस तरह की वृद्धि से कर्मचारियों को राहत मिलेगी और उनके आर्थिक दबाव को कम किया जा सकेगा।