आधुनिक युग में स्थाई ऊर्जा की खोज के साथ, सोलर पैनल की मांग में भी वृद्धि हो रही है। अब सोलर पैनल हो रहे हैं और सस्ते, जो इसे बनाने और उपयोग करने को अधिक लोगों के लिए उपलब्ध बना रहा है। यह बदलाव न केवल वायु प्रदूषण को कम करने में मदद कर रहा है, बल्कि लोगों को भी ऊर्जा की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक हो रहा है।
सोलर पैनल की कीमतों में गिरावट के साथ, उनका उपयोग अब पूरे समुदाय के लिए अधिक संभव हो गया है। इसके अलावा, सरकारी योजनाओं और सब्सिडी के माध्यम से, लोग सोलर पैनल की लागत को और भी कम कर सकते हैं।
भारत सरकार ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सोलर पैनल की लागत को कम किया है। इसके लिए आप स्थानीय सरकारी कार्यालय में जांच कर सकते हैं। कई बैंक और वित्तीय संस्थान सोलर पैनल की खरीद पर सब्सिडी प्रदान करते हैं। यह आपको लागत के बजाय और कम कर सकता है। स्थानीय सोलर पैनल विक्रेताओं से सीधे खरीद करना भी लाभकारी हो सकता है। वे अक्सर सस्ते और अधिकतम प्रासंगिक उत्पादों को प्रदान करते हैं।
सोलर क्षेत्र में नई दिशा समय के साथ सुधार कर रहा है विकास
वीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने सोलर उत्पादक कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए उच्च स्तरीय उपकरण और उत्पादों का निर्माण करने के लिए एक ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
इस पहल के तहत, सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल्स के विनिर्माताओं और मॉडलों में व्यापक सुधार किया गया है। MNRE द्वारा दिए गए बयान में आवश्यकता पर बल देते हुए कहा गया है कि लिस्टिंग वैधता अवधि को दोगुना किया जा रहा है, और आवेदन शुल्क में 80% की कमी की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य है समय के साथ कंपलायंस बोझ को कम करना और व्यापारिक प्रक्रिया को सुगम बनाना।
सोलर उत्पादकों के लिए बढ़ी राहत नई सुविधाएं और नियमों में सुधार।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नवाचार और सुधारों की अवधारणा के साथ, भारतीय सरकार ने सोलर उत्पादक कंपनियों को और भी बड़ा प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करने के लिए एक और कदम उठाया है। MNRE द्वारा आवेदन शुल्क में 80% की कमी और कारखाने के निरीक्षण से छूट देने जैसी सुविधाएं दी गई हैं।
इसके अलावा, ALMM में अतिरिक्त मॉडलों की सूची में बढ़ोत्तरी की गई है, जो कि कंपनियों को और भी विकसित उत्पाद बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। यह नए नियमों के अनुसार, सोलर परियोजनाओं में मॉड्यूलों की दक्षता को बढ़ाने का दबाव है।
छतों पर लगने वाली सौर परियोजनाओं में कम से कम 19.50% मॉड्यूल दक्षता की आवश्यकता है, जबकि सोलर लाइटिंग के मामले में यह मानक 19% है। यह सुनिश्चित करेगा कि सोलर उत्पादक कंपनियां उच्च गुणवत्ता और प्रदर्शन के उत्कृष्ट मॉड्यूल प्रदान करें, जो कि सौर परियोजनाओं की प्रभावी कामकाजीता को सुनिश्चित करेगा।
घरेलू ऊर्जा भारत की ऊर्जा स्वावलंबन की दिशा में बड़ा कदम।
भारत सरकार द्वारा किए गए ऐतिहासिक और प्रेरणादायक कदमों में से एक है घरेलू ऊर्जा के बढ़ते उपयोग को प्रोत्साहित करना। अगले पांच वर्षों के लिए हर वर्ष 50 गीगावॉट की नवीकरणीय ऊर्जा की बोली आमंत्रित करने का ऐलान भारतीय सरकार द्वारा किया गया है।
इस योजना में 40 गीगावॉट की सौर ऊर्जा क्षमता भी शामिल है। यह पहल भारत को अपने घरेलू ऊर्जा संसाधनों का उपयोग करने की दिशा में बड़े कदम बढ़ाने का संकेत देती है। सौर ऊर्जा का उपयोग घरेलू स्तर पर उत्पादन को सुधारने में मदद करेगा और भारत की ऊर्जा स्वावलंबनता में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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