जानें डिटेल्स! कितने प्रकार के होते हैं इन्वर्टर बैटरी – Types Of Invertor Batteries

Types Of Invertor Batteries: अब लगभग हमारे देश हर हिस्से में सोलर पैनल का इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार भी लोगो सरिया अपील कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग सोलर पैनल का इस्तेमाल करें और बिजली पर निर्भरता को कम करें।

इसके लिए सरकार ने हाल में ही एक नई योजना की शुरुआत की है जिसका नाम पीएम सूर्य घर योजना रखा है। इस योजना के तहत अरे मध्य और गरीब लोग के साथ-साथ अमीर लोग भी अपने घर के रुखसत पर सोलर पैनल लगवा सकते हैं जिसके लिए सरकार के तरफ से भरी है और हम सब्सिडी देने का प्रावधान है।

Types Of Invertor Batteries
Types Of Invertor Batteries

जैसा कि हम सभी को पता है सोलर पैनल के साथ एक बैटरी का भी इस्तेमाल किया जाता है जो एनर्जी स्टोरेज का काम करती है। इसके अलावा एक इनवर्टर के भी जरूरत पड़ते हैं जो धारा को AC से डीसी और डीसी से AC में परिवर्तित करने का काम करती है।

लेकिन इस पोस्ट में हम बैटरी के बारे में बात करने वाले हैं कि आखिरकार नॉर्मल इनवर्टर के साथ इस्तेमाल किया जाने वाला बैटरी कितने तरह की होती है।

इनवर्टर: दिष्ट धारा DC को प्रत्यावर्ती धारा AC में परिवर्तित करने का काम

कोई अगर इनवर्टर की करें तो इसका इस्तेमाल हर कोई अपने घर में करता है। किसी भी प्रकार के इन्वर्टर का प्रयोग दिष्ट धारा DC को प्रत्यावर्ती धारा AC में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है। इसके साथ एक बैटरी को जोड़ा जाता है तो एनर्जी स्टोरेज का काम करती है। यह स्टोर एनर्जी बिजली न रहने इलेक्ट्रिकल अप्लायंसेज को रन करवाने मे मदद करती है।

प्रायः इनवर्टर बैटरी दो तरह की होती है।एक लिथियम इनवर्टर बैटरी और दूसरी लेड एसिड इनवर्टर बैटरी। लेकिन देखा जाए तो लिथियम इनवर्टर बैटरी, लेड एसिड इनवर्टर बैटरी के सामने बहुत महंगी है। लिथियम आयरन बैटरी का नेट टेक्नोलॉजी के साथ विकसित किया गया है साइज में काफी कंपैक्ट और छोटा है। इस तरह की बैटरी लोंग लास्टिंग के लिए जानी जाती है।

बैटरी को इस तरह किया गया है विभाजित

  • लेड एसिड बैटरी (Lead Acid Batteries)
  • फ्लैट प्लेट बैटरी
  • जैल बैटरी
  • ट्यूबलर बैटरी
  • सोलर बैटरी
  • लिथियम बैटरी (Lithium Batteries)

Lead Acid type Inverter Battery

इस इस तरह के बैटरी का निर्माण पुराने जमाने से किया जा रहा है। इसका साइज काफी बड़ा और वजन में भी काफी भारी होता है। यह रिचार्जेबल बैटरी होती है। इसमें लेड होने के साथ साथ सल्फ्यूरिक एसिड (H2SO4) का प्रयोग इलेक्ट्रोलाइट के रूप में किया जाता है। यह गैल्वेनिक सेल के रूप में कार्य करता है। लेड एसिड बैटरी को फुल चार्ज करने के लिए 14 से 16 घंटे का समय लगता है। इस पर कंपनियां प्राय 5 से 6 साल की वारंटी प्रदान करती है।

Lithium Ion Type Battery

यह नए जमाने वाले एडवांस बैटरी है जिसका साइज और वजन काफी छोटा और हल्का है। इस तरह की बैटरी के लिए लाइफ काफी ज्यादा होती है। इसका इस्तेमाल अब इलेक्ट्रिक व्हीकल में सबसे ज्यादा किया जाता है।

लेकिन इसे अब घरेलू इस्तेमाल के लिए भी इंस्टॉल किया जा रहा है। लिथियम इनवर्टर बैटरी को रखरखाव की अधिक आवश्यकता नहीं होती है। इसकी बिजली संग्रह करने की दक्षता बढ़ जाती है। इस टाइप के बैटरी थोड़े मांगे होते हैं जैसे की लिथियम 150 Ah बैटरी की कीमत 35 हजार रूपये से शुरू है। 

घर के लिए किस प्रकार की इन्वर्टर बैटरी का प्रयोग करें

वैसे अगर आपके घर में इनवर्टर का इस्तेमाल करते हैं तो इसमें इन्वर्टर के आधार पर बैटरी का प्रयोग करें। इन्वर्टर बैटरी के प्रकार में लिथियम बैटरी सबसे आधुनिक है। इसके बहुत लाभ होते हैं पर यह अन्य बैटरियों की तुलना में बहुत महंगी होती है।

वही अगर सोलर प्लांट के लिए बैटरी का प्रयोग करना चाहते हैं तो आपको सोलर ट्यूबलर बैटरी का प्रयोग करना चाहिए। यह लिथियम आयन बैट्री की अपेक्षा में काफी सस्ती होती है।

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