केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नए साल में एक बड़ी खुशखबरी आ सकती है। वर्तमान में कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, लेकिन मोदी सरकार 8वें वेतन आयोग के तहत इसे बढ़ाकर 51,480 रुपये तक कर सकती है। इस बदलाव से कर्मचारियों को बंपर सैलरी बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा।
हालांकि, सरकार ने अभी तक 8वें वेतन आयोग के गठन की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन यह माना जा रहा है कि सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। यदि यह वृद्धि होती है, तो फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से कर्मचारियों की सैलरी अपने आप बढ़ जाएगी। इसके साथ ही, पेंशन (pension) में भी 186 फीसदी तक की वृद्धि होने की संभावना है, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों को वित्तीय लाभ मिलेगा।
क्या अभी 18 हजार रूपये है न्यूनतम बेसिक सैलरी जानिए
वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी18,000 रुपये है, जो 7वें वेतन आयोग के तहत तय की गई है। यह सैलरी, 6वें वेतन आयोग से 7,000 रुपये अधिक है। अब 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद यह बेसिक सैलरी और भी बढ़ सकती है।
अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 लागू किया जाता है, तो सैलरी 51,480 रुपये तक पहुंच सकती है। इस बदलाव से करीब 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को नए साल में बड़ी राहत मिल सकती है। इस बढ़ोतरी से कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर होगा।
पेंशन में हो सकती है 186% की बढ़ोतरी
केंद्रीय पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खबर है। 8वें वेतन आयोग के तहत पेंशन में 186% तक की बढ़ोतरी होने की संभावना जताई जा रही है। यदि यह बढ़ोतरी लागू होती है, तो पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है।
हालांकि, इस पर सरकार ने अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन पेंशनभोगी इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) ने जुलाई और अगस्त 2024 में पेंशन में वृद्धि के लिए ज्ञापन प्रस्तुत किया था। इस संबंध में सरकार से चर्चा के लिए दिसंबर में एक बैठक आयोजित होने की संभावना है।
क्या 2026 में आया था 7वाँ वेतन आयोग जानिए
7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू हुईं, जिनका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाना था। इस आयोग के तहत वेतन, पेंशन और भत्तों में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए, जिससे कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार हुआ।
इसका असर 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स पर पड़ा। नए वेतनमान के तहत न सिर्फ वेतन वृद्धि की गई, बल्कि कई अन्य लाभ भी दिए गए, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक तौर पर मजबूती मिली। इन बदलावों से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को उम्मीद है कि उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।