आज हम आपको आवश्यक बात बता दें कि सबसे बड़ा सोलर प्लांट बिहार का बांका में चालू हो गया है जो राज्य की बिजली जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस प्लांट का निर्माण एक निजी एजेंसी द्वारा किया गया है, जो पिछले दो साल से इस परियोजना पर काम कर रही थी।
इस सोलर पावर प्लांट से मिलने वाली बिजली की दर मात्र 3.11 रुपए प्रति यूनिट है, जो अन्य स्रोतों की तुलना में काफी सस्ती है। इसके चलते राज्य सरकार को सालाना 17 करोड़ रुपए की बचत होगी। बिहार राज्य बिजली कंपनी ने निर्माण एजेंसी से अगले 25 वर्षों तक बिजली खरीदने का समझौता किया है, जिससे राज्य को लंबे समय तक सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा मिलती रहेगी।
वर्तमान में, बिहार में 150 मेगावाट सोलर बिजली का उत्पादन हो रहा है, और इस नए प्लांट के शुरू होने से उत्पादन में और बढ़ोतरी होगी। इस परियोजना का सबसे बड़ा लाभ उन क्षेत्रों को होगा जो नदी किनारे बसे हुए हैं।
हम आपको बता दें कि 21000 परिवारों की पहचान 202 लोकेशनों पर की गई है उनको ही ऑफ ग्रिड बिजली प्रदान की जाएगी।इसका मतलब है कि इन परिवारों को अब बिजली के लिए ग्रिड पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, और वे अपनी बिजली की जरूरतों को सोलर पावर से पूरा कर सकेंगे।
सोलर पावर प्लांट की समीक्षा
बिहार के सबसे बड़े सोलर पावर प्लांट के चालू होने के बाद, मंगलवार को बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने इसकी अद्यतन समीक्षा की। इस बैठक में सीएमडी ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं की निर्माण गति को और तेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि बिहार में निरंतर अक्षय ऊर्जा का विकास जरूरी है, विशेषकर जंगल, पहाड़ और नदियों के किनारे बसे गांवों में बैटरी स्टोरेज के साथ सोलर ऊर्जा परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
बैठक में सीएमडी ने ऊर्जा विभाग और सभी विद्युत कंपनियों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में अक्षय ऊर्जा प्लांट की स्थापना के लिए विभिन्न अनुमोदन प्रक्रियाओं की एक सरल मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) बनाई जाए। इसका उद्देश्य यह है कि इन प्रक्रियाओं को सरल और तेज बनाया जा सके ताकि अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का विकास तेजी से हो सके।
अवाडा ग्रुप का बांका में सोलर पावर
बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने अवाडा ग्रुप को बांका में बिहार के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट, 50 मेगावाट सोलर प्लांट की सफल कमीशनिंग के लिए बधाई दी। बैठक के दौरान अवाडा ग्रुप ने इस परियोजना की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और कुछ नई जगहों पर सोलर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने के सुझाव भी दिए।
वैसे आपको पता होगा कि1.8 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट कमीशन किया था जो कि आवाडा ग्रुप ने 2022 में दरभंगा में किया था। इस तरह की परियोजनाएं न केवल राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करती हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी लाभकारी हैं।
बांका और जमुई में नए सोलर प्लांट की स्थापना
बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने एसजेवीएन लिमिटेड के अधिकारियों को बांका और जमुई में नए सोलर प्लांट की स्थापना के लिए तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एसजेवीएन बक्सर थर्मल प्लांट के निर्माणाधीन कार्यों में भी तेजी लाने और प्रगति की नियमित जानकारी देने पर जोर दिया।
सीएमडी ने बताया कि नदी किनारे बसे इलाकों में 21000 परिवारों की पहचान दोसा दो लोकेशन पर बनाई गई है। जिनकी कुल बिजली खपत करीब 3 मेगावाट है। इन परिवारों को ऑफ ग्रिड बिजली प्रदान की जा रही है, लेकिन सोलर पावर प्लांट के माध्यम से इनकी बिजली की जरूरतों को पूरा करने के विकल्प पर काम करना आवश्यक है। साथ ही, इन परिवारों को ऑन ग्रिड बिजली सेवा मुहैया कराने की भी योजना बनाई जा रही है।
सीएमडी ने यह भी उल्लेख किया कि राज्य में अक्षय ऊर्जा पॉलिसी पर कार्य किया जा रहा है, जिसे जल्द ही जारी किया जाएगा। उन्होंने ऊर्जा विभाग और विद्युत कंपनियों के अधिकारियों को राज्य में रिन्युएबल एनर्जी प्लांट की स्थापना की प्रक्रिया को सरल बनाने के निर्देश दिए।
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