नवंबर 2024 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली के लिए एक विशाल रैली और बैठक का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देशभर के हजारों सरकारी कर्मचारी एकजुट हुए। इसमें केंद्र, राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों और स्वायत्त विभागों के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।ऑल इंडिया एनपीएस एम्पलाइज फेडरेशन (AINPSEF) के सदस्य इस आंदोलन का अहम हिस्सा बने, जिनकी संख्या पांच लाख से अधिक है।
कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर स्पष्ट हैं।हमें पुरानी पेंशन स्कीम चाहिए, नई पेंशन स्कीम (NPS) को खत्म किया जाए। उनका कहना है कि नई पेंशन स्कीम (NPS) उनके लिए नुकसानदायक साबित हो रही है और यह उनकी भविष्य की आर्थिक सुरक्षा को खतरे में डाल रही है।
कर्मचारियों का आरोप है कि पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) ने उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद स्थिर आय और सुरक्षा प्रदान की थी, लेकिन NPS में अनिश्चितता है। उनके अनुसार, नई पेंशन योजना में कोई स्थिरता नहीं है, जिससे भविष्य को लेकर डर और चिंता बनी रहती है।
इस रैली के जरिए कर्मचारियों ने सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश की और पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की मांग को दोहराया। अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि सरकार इस आंदोलन का कैसे जवाब देती है और कर्मचारियों की मांग पर क्या कदम उठाती है।
क्या क्या सवाल उठाये सरकारी कर्मचारियों ने जानिए
सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली को लेकर कुछ कड़े सवाल उठाए हैं। उनका कहना है, एक नेता, जो सिर्फ एक बार विधायक या मंत्री बनता है, उसे जीवन भर पेंशन मिलती है, लेकिन हम जो अपनी पूरी जिंदगी काम करते हैं, हमें पुरानी पेंशन का अधिकार नहीं दिया जाता।
कर्मचारियों की प्रमुख मांग है कि पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के तहत जो 10 फीसदी सैलरी का कटौती हो रही है, उसे तुरंत बंद किया जाए। उनका मानना है कि पेंशन केवल कर्मचारियों के लिए नहीं, बल्कि उनके बुढ़ापे और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बड़ा सहारा है।
क्या मांग की प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी से जानिए
जंतर-मंतर पर आयोजित रैली में देशभर से आए 40 प्रमुख कर्मचारी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली की अपील की। उन्होंने सरकार से यह मुद्दा संसद में उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि OPS की वापसी से न केवल सरकारी कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित होगा, बल्कि सरकार के प्रति उनका भरोसा भी मजबूत होगा।
कर्मचारी नेताओं का मानना है कि पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) से सेवानिवृत्त होने के बाद उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होती थी, जो नई पेंशन स्कीम (NPS) में उपलब्ध नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि OPS की वापसी सरकार और कर्मचारियों के बीच भरोसे को बढ़ावा देगी। नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इस पर जल्द कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।