हाल ही में केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए पेंशन से संबंधित एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के विकल्प के रूप में एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) की शुरुआत की है। इस नई योजना में कई ऐसे लाभकारी फीचर्स शामिल किए गए हैं, जिनसे सरकारी कर्मचारियों को भविष्य में वित्तीय सुरक्षा मिलने की उम्मीद है। इनमें से एक प्रमुख विशेषता सरकार की ओर से योगदान (कंट्रीब्यूशन) का है, जिससे कर्मचारियों की पेंशन में इजाफा होगा।
जानिए सरकार के कंट्रीब्यूशन के बारे में
एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के तहत, कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते (डीए) का 10 प्रतिशत योगदान करेंगे। वहीं, सरकार की ओर से 18.5 प्रतिशत का योगदान सुनिश्चित किया गया है। इस योजना में फैमिली पेंशन, गारंटीड न्यूनतम पेंशन और रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त भुगतान जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं।
इससे पहले न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) में सरकार 14 प्रतिशत कंट्रीब्यूशन करती थी, जिसे अब बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। खास बात यह है कि कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस में से केवल एक बार के लिए विकल्प चुनने का मौका मिलेगा।
नई पेंशन योजना से लाखों सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा लाभ जानिए
नई पेंशन योजना के तहत, कर्मचारी को 25 साल की सेवा पूरी करने के बाद, अंतिम वेतन के औसत 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन मिलेगी। यह योजना जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू है। अनुमान है कि इस योजना से करीब 30 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को सीधा लाभ होगा। अगर राज्य सरकारें भी इस एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को अपनाती हैं, तो कुल 90 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा मिल सकता है।
10 साल की नौकरी पर मिलेगी कितनी पेंशन जानें
नई पेंशन योजना के तहत, यदि कोई कर्मचारी 10 साल की सेवा पूरी करता है, तो उसे आनुपातिक रूप से पेंशन का लाभ मिलेगा। न्यूनतम पेंशन के रूप में 10,000 रुपये प्रति माह की गारंटी दी गई है। इसके साथ ही, कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त राशि भी दी जाएगी। यह योजना उन कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जो लंबी सेवा नहीं कर पाते लेकिन भविष्य में वित्तीय सुरक्षा चाहते हैं।