नई दिल्ली उत्तर प्रदेश (यूपी) एक बार फिर से विकास के नए आयाम स्थापित करने जा रहा है। जहां एक ओर यूपी में सबसे अधिक एक्सप्रेसवे का निर्माण हो चुका है, वहीं अब राज्य में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया जा रहा है। देश में पहली बार यूपी के बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर बिजली उत्पादन के लिए सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। इस परियोजना को शुरू करने के लिए सभी आवश्यक मंजूरियां प्राप्त हो चुकी हैं।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, जो इटावा से चित्रकूट तक 296 किलोमीटर लंबा है, इसके दोनों किनारों पर सोलर पैनल लगाकर लगभग 450 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। यह परियोजना न केवल प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि स्वच्छ और हरित ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा देगी।
15 महीने में बनकर तैयार होगा सोलर प्रोजेक्ट जानें
उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर सोलर पैनल से बिजली उत्पादन का प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ रहा है। ग्रीन एनर्जी को सपोर्ट करने वाला ग्लोबल एनर्जी अलायंस फॉर पीपल एंड प्लेनेट (GEAPP) इस परियोजना को देख रहा है।
संगठन ने यूपी सरकार को इस परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी है, जिसे मंजूरी भी मिल चुकी है। इस योजना के तहत, एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर 15 मीटर की चौड़ाई में सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिससे 450 मेगावाट बिजली उत्पन्न की जा सकेगी। इस प्रोजेक्ट को 15 महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
क्या यूपी के 4 और एक्सप्रेसवे पर लगेगा होगा काम जानें
उत्तर प्रदेश में सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए यूपी एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने सोलर प्रोजेक्ट लगाने वाली कंपनी से राज्य के 4 अन्य एक्सप्रेसवे पर भी ऐसी ही परियोजनाएं शुरू करने की अपील की है। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 1,800 करोड़ रुपये है।
इन परियोजनाओं के जरिए उत्पादित बिजली की लागत 4 से 4.50 रुपये प्रति यूनिट के बीच होगी। यह योजना न सिर्फ हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देगी, बल्कि एक्सप्रेसवे के किनारे खाली पड़ी जमीन का उपयोग भी सुनिश्चित करेगी, जिससे राज्य की संपत्तियों का बेहतर इस्तेमाल संभव हो सकेगा।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के सोलर प्रोजेक्ट से गांवों को मिलेगी सौर ऊर्जा
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर सोलर प्रोजेक्ट के शुरू होने से न केवल एक्सप्रेसवे का सौंदर्य बढ़ेगा, बल्कि यहां भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना भी सुगम हो जाएगी। इस परियोजना से हजारों लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
साथ ही, एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर बसे दर्जनों गांवों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा। इन गांवों में सौर ऊर्जा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या का समाधान होगा और उनका जीवन स्तर सुधरेगा।