हाल ही में अधिकारियों को बड़ी खुशखबरी मिली है। जानकारी के अनुसार, कई अधिकारियों को पदोन्नति दी गई है, जिसके परिणामस्वरूप उनके वेतन में भी भारी बढ़ोतरी की जा रही है। इन अधिकारियों को पे मैट्रिक्स के लेवल 18 का लाभ मिलने जा रहा है, जिससे उनकी सैलरी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो सकती है। अनुमान है कि उनकी मासिक सैलरी अब 65,000 रुपये से बढ़कर 90,000 रुपये तक पहुंच जाएगी। प्रदेश सरकार ने इस कदम के तहत कई पुलिस अधिकारियों को पदोन्नति प्रदान की है, जिसमें पुलिस निरीक्षकों की पदोन्नति भी शामिल है। इस वेतन वृद्धि और पदोन्नति के फैसले से कर्मचारियों के मनोबल में इजाफा होने की उम्मीद है।
पुलिस अधिकारियों की पदोन्नति और वेतन वृद्धि: 18वें लेवल में प्रवेश से होगा बड़ा लाभ
मुख्य सचिव प्रमोद सक्सेना द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, पुलिस इंस्पेक्टरों को पदोन्नति के साथ वेतन में भी बढ़ोतरी दी जाएगी। पुलिस सेवा अधिनियम 1973 के तहत, विभागीय पदोन्नति समिति और प्रदेश लोक सेवा आयोग के साथ विचार-विमर्श के बाद ही पुलिस अधिकारियों को पदोन्नति का लाभ दिया जाता है।
सूत्रों के अनुसार, जब पुलिस निरीक्षक पे मैट्रिक्स के 18वें स्तर पर पहुंचेंगे, तो उन्हें 17वें स्तर से उच्चतर लाभ प्राप्त होंगे। हिमाचल प्रदेश पुलिस सेवा के अंतर्गत पुलिस निरीक्षकों को राजपत्रित स्तर 18 में प्रमोशन दिया गया है, जिससे उनकी वेतनश्रेणी भी 17वें स्तर से बढ़कर 18वें स्तर पर पहुंच गई है। इस पदोन्नति से पुलिस अधिकारियों को वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि मिलेगी, जिससे उनके आर्थिक स्थिति में सुधार होने की संभावना है।
पुलिस इंस्पेक्टरों को प्रमोशन और वेतन वृद्धि: 10 दिनों के भीतर देना होगा ज्वाइनिंग रिपोर्ट
नई जानकारी के अनुसार, पुलिस इंस्पेक्टरों को जल्द ही प्रमोशन मिलने वाला है, जिससे उनके वेतन और भत्तों में भी बढ़ोतरी होगी। यह कदम पुलिस मुख्यालय शिमला द्वारा जारी अधिसूचना के तहत लिया गया है। आदेश के अनुसार, प्रमोशन के बाद इंस्पेक्टरों को 10 दिनों के भीतर अपनी ज्वाइनिंग रिपोर्ट जमा करनी होगी। यदि ज्वाइनिंग रिपोर्ट समय पर नहीं दी गई, तो यह प्रमोशन मान्य नहीं माना जाएगा और अधिकारियों की पदोन्नति का लाभ उठाने की प्रक्रिया में बाधा आ सकती है।
पुलिस अधिकारियों के लिए यह आदेश अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें प्रमोशन और उसके साथ आने वाले सभी लाभ शामिल हैं। अधिकारियों को सुनिश्चित करना होगा कि वे इस समय सीमा का पालन करें, ताकि उनका प्रमोशन सुरक्षित रहे। अगर किसी कारणवश ज्वाइनिंग रिपोर्ट समय पर नहीं दी जाती है, तो पदोन्नति आदेश को तत्काल निरस्त किया जा सकता है, जिससे अधिकारियों के लिए यह एक बड़ा नुकसान हो सकता है।
इसके अलावा, यह भी बताया गया है कि हिमाचल प्रदेश के प्रशिक्षित पुलिस अधिकारियों को लंबे समय से इस प्रमोशन का इंतजार था। यह कदम उनके संघर्ष का परिणाम है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अधिकारी इस समय सीमा का कैसे पालन करते हैं और अपने प्रमोशन का लाभ कैसे उठाते हैं।