प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का पीएफ अकाउंट एक बेहतरीन विकल्प है, जो रिटायरमेंट के बाद आपको एक अच्छा खासा फंड जमा करने में मदद कर सकता है। म्यूचुअल फंड या सरकारी योजनाओं में निवेश के अलावा पीएफ अकाउंट एक सुरक्षित और लाभकारी विकल्प है, जो सही प्लानिंग के साथ करोड़ों रुपये तक जमा कर सकता है। इसके लिए आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा।
सबसे महत्वपूर्ण है कि आप अपने पीएफ अकाउंट से बीच में पैसा ना निकालें। अगर आपको निकालना भी पड़े, तो यह सुनिश्चित करें कि आपकी मासिक सैलरी से पीएफ में योगदान बढ़ जाए, ताकि निकाले गए पैसे की भरपाई हो सके। इसके साथ ही, यह भी ध्यान दें कि जितनी जल्दी हो सके पीएफ में योगदान शुरू करें और समय-समय पर इसे बढ़ाते रहें। इस तरह आप अपने रिटायरमेंट तक एक बड़ा फंड जमा कर सकते हैं, जिससे आपका भविष्य सुरक्षित रहेगा।
जानिए कितने जमा हो सकते हैं 50,000 रुपये की सैलरी पर
अगर आपकी बेसिक सैलरी और डीए मिलाकर कुल मासिक सैलरी 50,000 रुपये है, और आप हर महीने पीएफ में 12% का योगदान कर रहे हैं, तो यह आपके रिटायरमेंट के लिए बड़ा फंड बना सकता है। मान लीजिए, आपकी उम्र 30 साल है और सरकार की ओर से पीएफ पर 8.1% का ब्याज मिल रहा है। साथ ही हर साल आपकी सैलरी में 5% की बढ़ोतरी होती है, तो रिटायरमेंट तक आपके पीएफ अकाउंट में लगभग 2 करोड़ 53 लाख 46 हजार 997 रुपये जमा हो सकते हैं। यह राशि आपके रिटायरमेंट के बाद के जीवन को आर्थिक रूप से सुरक्षित और सरल बना सकती है।
जानिए कंट्रीब्यूशन के बारे में
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में कर्मचारी और एम्प्लॉयर, दोनों का समान योगदान होता है। वर्तमान में, कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 12% पीएफ अकाउंट में जमा करता है, और उतना ही योगदान एम्प्लॉयर भी करता है। हालांकि, आप चाहें तो अपनी सैलरी से पीएफ में अतिरिक्त योगदान भी कर सकते हैं, जिससे आपका रिटायरमेंट फंड और मजबूत होगा। सरकार की ओर से पीएफ में जमा राशि पर 8.25% वार्षिक ब्याज मिलता है, जो आपके निवेश को बढ़ाने में मदद करता है।
पेंशन पाने के नियम जानें कैसे मिलता है लाभ
ईपीएफओ (EPFO) न सिर्फ रिटायरमेंट के लिए बचत की सुविधा देता है, बल्कि पेंशन का लाभ भी प्रदान करता है। ईपीएफओ के नियमों के अनुसार, अगर कोई कर्मचारी 10 साल तक लगातार नौकरी करता है, तो वह पेंशन का हकदार हो जाता है। यह पेंशन योजना 58 वर्ष की उम्र के बाद सक्रिय होती है, जो कर्मचारियों को पेंशन लाभ की गारंटी देती है।
इसके तहत, नियोक्ता का योगदान दो हिस्सों में बंटता है। कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के लिए नियोक्ता का 8.33% हिस्सा जाता है, जबकि 3.67% हिस्सा ईपीएफ (EPF) के तहत जमा होता है। यहां तक कि अगर किसी कर्मचारी ने 9 साल 6 महीने की सेवा की है, तो उसे 10 साल की सेवा के बराबर माना जाएगा।