EPS Pension Benefit: अधिकांश प्रोविडेंट फंड खाताधारकों को उनके खाते पर मिलने वाले कई लाभों में से एक सबसे महत्वपूर्ण लाभ पेंशन का है। कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत, नौकरी से रिटायर होने के बाद पेंशन का भुगतान किया जाता है। लेकिन, बहुत से लोग इस योजना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियमों से अनजान होते हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण नियम माता-पिता को मिलने वाली पेंशन से संबंधित है।
दरअसल, EPS पेंशन केवल कर्मचारी के लिए ही नहीं होती, बल्कि उनके आश्रितों के लिए भी होती है। यदि किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान दुर्भाग्यवश मृत्यु हो जाती है, तो उसके माता-पिता को भी इस पेंशन का लाभ मिल सकता है। यह पेंशन उन परिवारों के लिए एक बड़ी सहारा बनती है, जो अपने कमाऊ सदस्य को खो देते हैं।
EPS पेंशन कर्मचारी के साथ परिवार को भी मिलता है सुरक्षा का लाभ
अगर कोई माता-पिता अपने कामकाजी बेटे या बेटी को खो देते हैं, तो कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) उनके लिए एक अहम सहारा बनती है। ईपीएफओ (EPFO) के नियमों के अनुसार, ऐसे माता-पिता को जीवनभर के लिए पेंशन दी जाती है। इसका मकसद उन बुजुर्गों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है, जिन्होंने अपना कामकाजी बच्चा खो दिया है। हालांकि, इस पेंशन का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तें भी लागू होती हैं, जिनका पालन करना जरूरी है।
EPS-95 पेंशन कर्मचारी के साथ परिवार के लिए भी मिलेगा लाभ जानें
कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) की शुरुआत 1995 में EPFO द्वारा की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों और उनके परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। यदि किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है और वह अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था, तो उसके माता-पिता, जो उस पर निर्भर थे, EPS-95 के नियमों के तहत आजीवन पेंशन के हकदार होते हैं।
इस पेंशन का लाभ पाने के लिए जरूरी है कि कर्मचारी ने कम से कम 10 साल की नौकरी की हो। इसके अलावा, यदि कोई कर्मचारी नौकरी के दौरान किसी गंभीर बीमारी के कारण शारीरिक रूप से अक्षम हो जाता है, तो भी उसे आजीवन पेंशन मिलती रहती है, चाहे उसने 10 साल की सेवा पूरी की हो या नहीं।
PF अकाउंट में योगदान कितना है जानें
प्रोविडेंट फंड (PF) अकाउंट में हर महीने कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12% हिस्सा जमा होता है। इस योगदान का मकसद कर्मचारी की रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। कर्मचारी के इस योगदान के बराबर ही रकम उसकी कंपनी भी PF अकाउंट में जमा करती है।
कंपनी के 12% योगदान में से 3.67% EPF (Employee Provident Fund) में जाता है, जबकि शेष 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जमा किया जाता है। यह पेंशन योजना रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को आर्थिक सहारा देती है।