FIR New Rule: नई दिल्ली 1 जुलाई 2024 से देश में लागू हुए नए आपराधिक कानून ने आम जनता को बड़ी राहत दी है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS) लागू होने के बाद कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इन बदलावों में सबसे अहम है एफआईआर की प्रक्रिया में सुधार, जो अब पहले से कहीं अधिक सरल और पारदर्शी हो गई है। पहले जहां आम आदमी को एफआईआर दर्ज करवाने के लिए थाने के कई चक्कर लगाने पड़ते थे, वहीं अब ये काम काफी आसान हो गया है।
अब आपको एफआईआर की कॉपी पाने के लिए थाने जाने की जरूरत नहीं है। नए कानून के तहत एफआईआर दर्ज होते ही उसकी कॉपी 24 घंटे के भीतर संबंधित व्यक्ति को भेजना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे पहले पुलिसकर्मियों द्वारा पैसे मांगने और बार-बार थाने के चक्कर काटने की जो परेशानी थी, उससे अब मुक्ति मिल गई है।
दिल्ली में एफआईआर की कॉपी के लिए नहीं देने पड़ेंगे पैसे
दिल्ली में अब एफआईआर की कॉपी हासिल करने के लिए आपको थानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, और न ही किसी तरह के पैसे खर्च करने की जरूरत होगी। दिल्ली पुलिस ने इस प्रक्रिया को और सरल बना दिया है। अब एफआईआर की कॉपी आपके घर पर स्पीड पोस्ट के जरिए पहुंचाई जाएगी। पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने इस संबंध में सभी जिलों के डीसीपी को सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं।
दिल्ली पुलिस की नई व्यवस्था अब हर एफआईआर की कॉपी
दिल्ली पुलिस ने शिकायतकर्ताओं की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक नई और प्रभावी व्यवस्था लागू की है। पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने थानों को निर्देश दिया है कि हर एफआईआर की कॉपी शिकायतकर्ता और पीड़ित को 24 घंटे के भीतर स्पीड पोस्ट से मुफ्त भेजी जाए। इसके लिए हर थाने में एक विशेष रजिस्टर भी रखा जाएगा, जिसमें भेजी गई एफआईआर का ब्योरा दर्ज किया जाएगा।
भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता के तहत एफआईआर की कॉपी मुफ्त में उपलब्ध कराने का प्रावधान है, लेकिन कई बार लोगों को समय पर यह कॉपी नहीं मिल पाती थी। अब सीपी के इस आदेश के बाद, थानों में किसी भी प्रकार की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें संबंधित एसएचओ भी जिम्मेदार होंगे। यह नई व्यवस्था न केवल जनता की शिकायतों को दूर करेगी, बल्कि पुलिस प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ाएगी।