सौर ऊर्जा आज के समय में ऊर्जा का सबसे स्वच्छ और प्रभावी विकल्प बन चुकी है। यह न केवल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, बल्कि इसके उपयोग से प्रदूषण भी नहीं होता। सोलर पैनल की मदद से सूर्य की किरणों को बिजली में बदला जा सकता है, जिससे बिजली बिल में भारी कमी की जा सकती है। घरों, कार्यालयों और खेती में सोलर सिस्टम का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। इसे अपनाने पर सरकार सब्सिडी भी देती है, जिससे यह और किफायती हो जाता है।
जानिए सोलर सिस्टम के प्रमुख उपकरण के बारे में
सोलर सिस्टम को सफलतापूर्वक स्थापित करने के लिए कुछ मुख्य उपकरणों की आवश्यकता होती है। खासकर ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम, जो सरकारी सब्सिडी के अंतर्गत आता है, इसमें सोलर पैनल, सोलर इन्वर्टर और नेट मीटर की अहम भूमिका होती है।
सोलर पैनल: सोलर पैनल तीन प्रकार के होते हैं – पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन और बाइफेशियल। पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल किफायती होते हैं और सामान्य उपयोग के लिए उपयुक्त हैं। मोनोक्रिस्टलाइन पैनल खराब मौसम में भी बिजली उत्पन्न कर सकते हैं, जबकि बाइफेशियल पैनल दोनों तरफ से ऊर्जा उत्पन्न करने में सक्षम होते हैं।
ये पैनल सूर्य की रोशनी को डीसी करंट में परिवर्तित करते हैं। सोलर इन्वर्टर: सोलर इन्वर्टर डीसी करंट को एसी करंट में बदलता है, ताकि इसे घरेलू उपकरणों में उपयोग किया जा सके। इसके अलावा, यह पैनल से आने वाली बिजली को सुरक्षित और नियंत्रित रखने में मदद करता है। नेट मीटर: नेट मीटर ऑन-ग्रिड सिस्टम का जरूरी हिस्सा है, जो ग्रिड और सोलर सिस्टम के बीच ऊर्जा का हिसाब रखता है। यह आपको अतिरिक्त बिजली ग्रिड में भेजने और जरूरत पड़ने पर वापस लेने में सक्षम बनाता है।
जानिए सोलर सिस्टम पर कितनी सब्सिडी मिलती है
सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और बिजली बिल को कम करने के उद्देश्य से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना शुरू की है। इस योजना के तहत 1 करोड़ परिवारों की छतों पर सोलर पैनल लगवाए जाएंगे। योजना का लाभ लेने वाले लाभार्थियों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली भी दी जाएगी।
सरकार विभिन्न क्षमताओं के सोलर सिस्टम पर सब्सिडी प्रदान कर रही है। 1kW सोलर सिस्टम: ₹30,000 सब्सिडी। 2kW सोलर सिस्टम: ₹60,000 सब्सिडी। 3kW से 10kW तक: ₹78,000 सब्सिडी। इस योजना से न केवल बिजली की बचत होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।