सितंबर 2024 की शुरुआत के साथ ही सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। 5 सितंबर 2024 को सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोने की कीमत 110 रुपये गिरकर 73,190 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। इसके मुकाबले, 4 सितंबर 2024 को 24 कैरेट सोने का भाव 73,300 रुपये था। 22 कैरेट सोने की बात करें, तो इसकी कीमत भी 100 रुपये घटकर 67,100 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है, जो कि 4 सितंबर को 67,200 रुपये थी।
18 कैरेट सोने की कीमत में भी गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार को 18 कैरेट सोना 80 रुपये टूटकर 54,910 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया, जबकि 4 सितंबर को इसका भाव 54,990 रुपये था। विशेषज्ञों का मानना है कि सितंबर में अमेरिकी सेंट्रल बैंक के ब्याज दरों पर फैसले का असर वैश्विक बाजारों पर पड़ेगा, जिससे सोने की कीमतों में और भी उतार-चढ़ाव हो सकता है।
जानिए चांदी की कीमत
सोने की कीमतों में गिरावट के बावजूद, 5 सितंबर 2024 को चांदी की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ। सोमवार को बाजार में चांदी 88,000 रुपये प्रति किलो के भाव पर स्थिर रही, जो कि 4 सितंबर को भी यही थी। सर्राफा व्यापारियों और इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, जहां सोने की कीमत में कमी आई है, वहीं चांदी के भाव में स्थिरता बनी रही है। हालांकि, आज (सोमवार) चांदी का भाव प्रति किलो 92,000 रुपये पर बेचा जाएगा, जो रविवार शाम तक भी यही दर थी।
सितंबर में क्या बदल सकता है सितंबर 2024 में अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व की नीति बैठक होने जा रही है, जो 17-18 सितंबर को होगी। इस बैठक में ब्याज दरों में कटौती का फैसला लिया जा सकता है, जिससे वैश्विक बाजारों पर असर पड़ने की संभावना है। सीएमई फेडवॉच टूल के अनुसार, 69% ट्रेडर्स को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व 0.25% की दर से ब्याज दरों में कटौती करेगा, जबकि 31% ट्रेडर्स को 0.50% की कटौती की उम्मीद है।
इस सप्ताह के प्रमुख आर्थिक आंकड़े जानें क्या हो सकता है असर
इस सप्ताह आने वाले महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों में ISM सर्वेक्षण, JOLTS जॉब ओपनिंग, ADP रोजगार डेटा और शुक्रवार को आने वाली गैर-कृषि पेरोल रिपोर्ट शामिल हैं। रॉयटर्स पोल के अनुसार, अगस्त में 165,000 नई नौकरियों की संभावना जताई गई है, साथ ही बेरोजगारी दर में 4.2% की गिरावट का अनुमान है।
पिछले सत्र में हाजिर सोने की कीमतों में 1% की गिरावट देखी गई, क्योंकि जुलाई में अमेरिकी उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी हुई थी, जिससे ब्याज दरों में बड़ी कटौती की संभावना कम हो गई। इस हफ्ते आने वाले इन आंकड़ों का असर बाजार और निवेशकों की भावनाओं पर काफी हद तक पड़ सकता है।