हाल ही में केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (UPS) की घोषणा की है, जिसमें परिवार को मिलने वाली पेंशन को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रावधान किया गया है। अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को पेंशन कैसे मिलेगी, यह जानना महत्वपूर्ण है।
इस योजना के तहत, कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले उसकी पेंशन का 60% हिस्सा उसके परिवार को पेंशन के रूप में दिया जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी का मासिक पेंशन 30,000 रुपये है, तो मृत्यु के बाद उसके परिवार को 18,000 रुपये पेंशन के रूप में मिलेंगे। इसके अलावा, इसमें महंगाई राहत (डीए) भी शामिल की जाएगी, जिससे पेंशन की राशि बढ़ सकती है।
यह एकीकृत पेंशन योजना खासकर उन केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू होगी जो फिलहाल नई पेंशन योजना (NPS) के अंतर्गत आते हैं। इसमें वे रिटायर्ड कर्मचारी भी शामिल हैं जो एनपीएस के तहत पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। इस योजना का उद्देश्य कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है, ताकि उनके जीवन स्तर में किसी प्रकार की कमी न आए।
यह योजना सरकारी कर्मचारियों के परिवारों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, खासकर उन परिस्थितियों में जब वे अपने परिवार के मुखिया को खो देते हैं।
यूपीएस योजना: सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन की नई व्यवस्था
केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (UPS) की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों की पेंशन से जुड़ी चिंताओं को दूर करना है। इस योजना के तहत, कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से पहले के आखिरी 12 महीनों में उनके औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में गारंटी दी गई है, बशर्ते कि उनके पास न्यूनतम 25 साल की सेवा हो।
इसके अलावा, UPS योजना में यह भी प्रावधान है कि अगर कोई कर्मचारी 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त होता है, तो उसे कम से कम 10,000 रुपये प्रति माह की पेंशन सुनिश्चित की जाएगी। वहीं, नई पेंशन योजना (NPS) के तहत मिलने वाली पेंशन राशि बाजार के रिटर्न पर निर्भर करती है, जिससे पेंशन में अस्थिरता की संभावना रहती है।इस योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को पेंशन के मामले में अधिक स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करना है, ताकि वे सेवानिवृत्ति के बाद भी आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकें।
यूपीएस में अंशदान: कर्मचारियों और नियोक्ता की भूमिका
एकीकृत पेंशन योजना (UPS) पुरानी पेंशन योजना (OPS) से अलग है, क्योंकि यह एक अंशदायी योजना है। इसके तहत, सरकारी कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत हिस्सा योगदान के रूप में जमा करना होगा। वहीं, केंद्र सरकार, जो कि नियोक्ता है, इस योजना में 18.5 प्रतिशत का योगदान करेगी। नई पेंशन योजना (NPS) की तुलना में, जहां नियोक्ता का योगदान 14 प्रतिशत और कर्मचारी का 10 प्रतिशत होता है, यूपीएस में नियोक्ता का योगदान अधिक है, जो कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है।
दिसंबर 2003 तक लागू पुरानी पेंशन योजना (OPS) में कर्मचारियों को पेंशन के लिए कोई योगदान नहीं करना पड़ता था। हालांकि, वे सामान्य भविष्य निधि (GPF) में योगदान करते थे, जिसे सेवानिवृत्ति के समय ब्याज सहित लौटाया जाता था। UPS योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को पेंशन में स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करना है, जबकि उनके योगदान को भी सुनिश्चित करता है, जिससे उन्हें भविष्य में एक सुनिश्चित आय मिल सके।