प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दी है। इस योजना के अंतर्गत, सरकारी कर्मचारियों को उनकी आखिरी बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में सुनिश्चित किया जाएगा।
सरल शब्दों में कहें तो, रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को उनकी अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। यह कदम कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने और उन्हें आर्थिक संबल प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इस योजना से लाखों सरकारी कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा, जिससे वे अपने रिटायरमेंट के बाद भी एक निश्चित आय का भरोसा रख सकेंगे। यह नई योजना देश के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखी जा रही है।
नई पेंशन योजना: सरकारी कर्मचारियों के लिए सुनिश्चित पेंशन की व्यवस्था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण पेंशन योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत, जिन कर्मचारियों ने 10 साल की सेवा पूरी की है, उन्हें 10,000 रुपये मासिक पेंशन देने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, यदि कोई सरकारी कर्मचारी सेवा के दौरान दिवंगत हो जाता है, तो उसके परिवार को फैमिली पेंशन के रूप में उसकी आखिरी सैलरी का 60% पेंशन देने का प्रावधान है।
यह योजना सरकारी कर्मचारियों के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के लिए बनाई गई है। फैमिली पेंशन का प्रावधान परिवार के आर्थिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इस नई पेंशन योजना से सरकारी कर्मचारियों को न सिर्फ नौकरी के दौरान बल्कि रिटायरमेंट के बाद भी एक निश्चित आय का भरोसा मिलेगा।
यूपीएस के फायदे: सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना के प्रमुख फीचर्स
सरकार ने नई एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) में कई लाभकारी प्रावधान किए हैं, जो सरकारी कर्मचारियों के लिए फायदेमंद साबित होंगे। इस योजना के तहत, अगर कोई कर्मचारी 25 साल की सेवा पूरी करता है, तो उसे अपने आखिरी वर्ष के औसत वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा।
सरकार इस योजना के तहत 18.5 प्रतिशत का योगदान देगी, जिससे कर्मचारियों को अधिक वित्तीय सुरक्षा मिल सकेगी। यूपीएस में फैमिली पेंशन, गारंटीशुदा न्यूनतम पेंशन, और रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त भुगतान के प्रावधान भी शामिल हैं।
इस योजना से लगभग 30 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। अगर राज्य सरकारें भी इसे अपनाती हैं, तो यह आंकड़ा 90 लाख कर्मचारियों तक पहुंच सकता है। यह योजना सरकारी कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
एनपीएस में बड़ा बदलाव: अब 18% सरकारी अंशदान, यूपीएस के साथ चुनने का मौका
सरकार ने नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में कर्मचारियों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है। एनपीएस में सरकार अपने 14 प्रतिशत अंशदान को बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर रही है, जिससे कर्मचारियों को अधिक वित्तीय सुरक्षा मिल सकेगी।
इसके साथ ही, सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस और नई एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के बीच चुनने का विकल्प दिया गया है। यह विकल्प केवल एक बार ही उपलब्ध होगा, जिससे कर्मचारी अपनी पसंद के अनुसार बेहतर योजना का चयन कर सकते हैं। यूपीएस में खास बात यह है कि इसमें कर्मचारियों को अपनी ओर से कोई अतिरिक्त अंशदान नहीं करना होगा। यूपीएस में केवल सरकार का अंशदान शामिल होगा और इसे बढ़ाकर 18 प्रतिशत किया गया है। यह योजना अगले वित्तीय वर्ष, यानी 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।