आजकल पूरे देश में गर्मी की लहर चल रही है, जिसके कारण लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी से राहत पाने के लिए लोग एसी और कूलर का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन इसके चलते बिजली के बिल भी बढ़ते जा रहे हैं।
ऐसे में, अगर आप अपनी बिजली की खपत को कम करना चाहते हैं और साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। भारत सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं, जिनका उद्देश्य आम लोगों को बिजली संकट से राहत दिलाना है। जैसे कि सोलर पैनल लगवाना, जो आपको प्राकृतिक ऊर्जा का उपयोग करने की सुविधा देता है।
जानिए इस योजना के बारे में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए पीएम सूर्योघर योजना की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के 1 करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर पैनल लगाना है। इसके तहत ग्राहकों को 1 से 10 किलोवाट के ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम पर सब्सिडी का लाभ मिलता है।
यह योजना न केवल बिजली के खर्चों को कम करने में मदद करती है, बल्कि यह पर्यावरण की सुरक्षा में भी योगदान देती है। सोलर पैनल का उपयोग करने से आप न केवल अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं, बल्कि बिजली की खपत में भी कमी ला सकते हैं।
एसी के लिए आखिर कितने किलोवाट सोलर सिस्टम होना चाहिए
अगर आप अपने घर में 1 टन से 1.5 टन का एसी चलाना चाहते हैं, तो आपको 3 से 5 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाना होगा। यह सोलर सिस्टम न केवल एसी को चलाने में मदद करेगा, बल्कि इससे आप पानी का मोटर, इंडक्शन चुल्हा, फ्रीज और अन्य भारी उपकरण भी आराम से चला सकते हैं। सोलर पैनल के माध्यम से आपको बिजली की बचत के साथ-साथ एक स्थायी और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत भी मिलेगा।
जानें इसकी बचत के बारे में
अगर आप अपने घर में 1 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाते हैं, तो आप हर महीने कम से कम 1,000 रुपये की बचत कर सकते हैं। यदि आप 3 से 5 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाते हैं, तो आपकी मासिक बचत 3,000 से 5,000 रुपये तक हो सकती है। यह बचत न केवल आपकी बिजली के खर्च को कम करेगी, बल्कि आपको एक स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोत भी प्रदान करेगी।