अब बिना बैटरी सस्ते कीमत में लगवाएं सोलर सिस्टम, मिल रहा शानदार सब्सिडी का ऑफर

आजकल, रिन्यूएबल एनर्जी हमारी बिजली की ज़रूरतों को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है। सोलर पैनल, जो सोलर एनर्जी को बिजली में परिवर्तित करते हैं, इसमें अहम भूमिका निभाते हैं। इन पैनलों का उपयोग करके आप मुफ्त में बिजली उत्पन्न कर सकते हैं और अपने बिजली के बिल को कम कर सकते हैं।

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सरकार की नई ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के तहत लोगों को सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी दी जाती है। इस योजना का लाभ उठाकर आप अपने घर में सोलर पैनल इंस्टॉल कर सकते हैं और मुफ्त बिजली का आनंद ले सकते हैं।

सोलर सिस्टम लगाने से पहले, आपको अपने घर के बिजली के लोड का एस्टीमेट करना चाहिए। यह जानकारी आपके बिजली के बिल और मीटर रीडिंग से प्राप्त की जा सकती है। सही साइज का सोलर सिस्टम आपके एनर्जी आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से पूरा करेगा।

इस प्रकार, बिना 9 बैटरी का उपयोग किए एक प्रभावी सोलर पैनल सिस्टम इंस्टॉल करें और सरकार की सब्सिडी योजना का लाभ उठाएं। सोलर एनर्जी न केवल आपकी बिजली की जरूरतों को पूरा करती है बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रखती है।

जानिए बिना बैटरी वाले सोलर सिस्टम: कैसे करते हैं काम?

सोलर सिस्टम के तीन मुख्य प्रकार होते हैं: ऑन-ग्रिड, ऑफ-ग्रिड और हाइब्रिड। ऑफ-ग्रिड सिस्टम एनर्जी को स्टोर करने के लिए बैटरी का उपयोग करते हैं, जबकि हाइब्रिड सिस्टम ग्रिड और बैटरी दोनों का उपयोग करते हैं।

ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम बैटरी के बिना काम करता है और यही इसे विशेष बनाता है। बिना बैटरी वाले सोलर सिस्टम को दो तरीकों से सेट किया जा सकता है: ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम और ट्रांसफॉर्मरलेस इनवर्टर।

1. ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम:

यह सिस्टम दिन में सोलर पैनल से बिजली उत्पन्न करता है और इसे सीधे बिजली ग्रिड में भेजता है। जब आपके पास अतिरिक्त बिजली होती है, तो वह ग्रिड में वापस भेजी जाती है और जरूरत के समय आप ग्रिड से बिजली ले सकते हैं। यह सिस्टम बिजली के बिल को काफी हद तक कम करता है और बैटरी की जरूरत नहीं होती।

2. ट्रांसफॉर्मरलेस इनवर्टर:

यह तकनीक सोलर पैनल द्वारा उत्पन्न डायरेक्ट करंट (DC) को अल्टरनेटिंग करंट (AC) में बदलती है, जिसे घरेलू उपकरणों द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है।

किसी भी अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में वापस भेजा जाता है। सोलर पैनल द्वारा उत्पन्न बिजली को DC से AC में बदलने के लिए सोलर इनवर्टर का उपयोग किया जाता है।

इन दोनों तरीकों से बिना बैटरी वाले सोलर सिस्टम आसानी से और प्रभावी ढंग से काम करते हैं। सही सेटअप और जानकारी के साथ, आप अपने बिजली बिल को कम कर सकते हैं और पर्यावरण के लिए भी योगदान दे सकते हैं।

हाई-टेक सोलर पैनल: मोनो PERC और बाइफेसियल सोलर पैनल के फायदे

अगर आप उन्नत सोलर पैनल खरीदने की सोच रहे हैं, तो मोनो PERC टेक्नोलॉजी वाले सोलर पैनल एक बेहतरीन विकल्प हैं। इसके अलावा, आप बाइफेसियल सोलर पैनल भी चुन सकते हैं, जो दोनों तरफ से ऊर्जा उत्पन्न करते हैं और उनकी एफिशिएंसी अधिक होती है। सोलर पैनल सिस्टम की लागत कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे पैनल की क्षमता, तकनीक और ब्रांड। 

मोनो PERC सोलर पैनल: 

यह पैनल उच्च क्षमता और बेहतर प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं। 2 किलोवाट का मोनो PERC सोलर पैनल लगभग ₹66,000 में मिलता है।

बाइफेसियल सोलर पैनल: 

ये पैनल दोनों तरफ से ऊर्जा उत्पन्न करते हैं, जिससे इनकी एफिशिएंसी और भी बढ़ जाती है। 2 किलोवाट का बाइफेसियल सोलर पैनल लगभग ₹76,000 में मिलता है।

एक 2 किलोवाट ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की अनुमानित लागत ₹80,000 से ₹1,00,000 तक हो सकती है। इस लागत में पैनल की कैपेसिटी, तकनीक और अन्य आवश्यक उपकरण शामिल होते हैं। हाई-टेक सोलर पैनल सिस्टम न केवल आपकी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि आपके बिजली बिल को भी कम करता है। इन विकल्पों में निवेश करने से आप पर्यावरण के लिए भी बड़ा योगदान दे सकते हैं।

Prashant Raghav is Finance content creator and covering latest share news, Solar News and green energy news from last 2 year. Prashant's strong writing skills and Financial knowledge make his content informative and engaging for readers. Contact: [email protected]

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