गर्मियों के आगमन के साथ, लोग अपने घरों को ठंडा रखने के लिए पंखे, कूलर और एयर कंडीशनर जैसे उपकरणों की तलाश करने लगते हैं। हालांकि कूलर किफायती होता है, लेकिन एसी का उपयोग अधिक आरामदायक और प्रभावी होता है। हालांकि, एसी के कारण बिजली का बिल बढ़ जाता है, जिससे लोग इसका कम से कम उपयोग करने की कोशिश करते हैं। इस समस्या का समाधान सोलर एसी के रूप में सामने आया है। सोलर एसी सोलर पैनल के माध्यम से संचालित होता है, जिससे बिजली की खपत न के बराबर होती है। यह पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ बिजली के भारी बिल से भी राहत दिलाता है। इनवर्टर एसी के मुकाबले सोलर एसी दीर्घकालिक रूप से अधिक किफायती साबित हो सकता है।
मार्केट में एसी के विकल्प: इन्वर्टर एसी vs सोलर एसी
गर्मियों में घर ठंडा रखने के लिए एसी की मांग बढ़ जाती है, और मार्केट में मुख्य रूप से दो विकल्प उपलब्ध हैं – इन्वर्टर एसी और सोलर एसी। दोनों के बीच कीमत और विशेषताओं में काफी अंतर होता है, जो उपभोक्ता की जरूरतों और बजट पर निर्भर करता है।
इन्वर्टर एसी की कीमतें लगभग 30,000 रुपये से शुरू होती हैं और 40,000 से 50,000 रुपये तक जा सकती हैं, जो इसकी क्षमता और मॉडल पर निर्भर करती हैं। इसकी खासियत यह है कि यह कमरे के तापमान के हिसाब से कंप्रेसर की गति को नियंत्रित करता है, जिससे बिजली की खपत कम होती है। यह बिजली बचाने का एक प्रभावी विकल्प है, लेकिन बिजली की खपत पूरी तरह समाप्त नहीं करता। दूसरी ओर, सोलर एसी की कीमत इन्वर्टर एसी से काफी ज्यादा होती है।
एक डेढ़ टन का सोलर एसी लगभग 1.5 लाख रुपये का आता है, लेकिन इसमें सोलर पैनल भी शामिल होते हैं। एक बार सोलर पैनल स्थापित हो जाने के बाद, बिजली की जरूरत नहीं होती, जिससे बिजली के बिल में बड़ी राहत मिलती है। इसके साथ ही, यह पर्यावरण के अनुकूल भी है।
सोलर एसी और इन्वर्टर एसी: कीमत और बिजली की खपत में तुलना
जब आप एसी खरीदने की योजना बना रहे होते हैं, तो सोलर एसी और इन्वर्टर एसी के बीच सही चुनाव करना जरूरी हो जाता है। दोनों के बीच मुख्य अंतर उनकी कीमत और बिजली की खपत में देखा जा सकता है।
कीमत में अंतर:
इन्वर्टर एसी: इन्वर्टर एसी की कीमतें आमतौर पर 30,000 रुपये से शुरू होकर 50,000 रुपये तक जा सकती हैं, जो मॉडल और ब्रांड पर निर्भर करती हैं।
सोलर एसी: सोलर एसी की कीमत इन्वर्टर एसी से काफी ज्यादा होती है। एक डेढ़ टन की सोलर एसी की कीमत लगभग 1.5 लाख रुपये होती है, जिसमें सोलर पैनल की लागत भी शामिल होती है।
बिजली की खपत में अंतर:
इन्वर्टर एसी: इन्वर्टर एसी बिजली की खपत को नियंत्रित करने में सक्षम होता है, जिससे बिजली का बिल कम आता है, लेकिन फिर भी बिजली की जरूरत बनी रहती है।
सोलर एसी: सोलर एसी पूरी तरह से सोलर पैनल के माध्यम से चलता है, जिससे बिजली की खपत नहीं होती और बिजली का बिल बिल्कुल भी नहीं आता। यह दीर्घकालिक रूप से सस्ता और पर्यावरण के लिए अनुकूल विकल्प है।
अगर आप कम बिजली बिल और पर्यावरण संरक्षण की सोच रखते हैं, तो सोलर एसी दीर्घकालिक निवेश के रूप में बेहतर विकल्प हो सकता है।