गर्मी के इस मौसम में जब उत्तर भारत तप रहा है, बिजली कटौती ने लोगों की मुसीबतें और बढ़ा दी हैं। ऐसे में सागर के डॉ. अजय शंकर मिश्रा ने एक ऐसा अनोखा कूलर तैयार किया है जो बिना बिजली के भी आपके कमरे को ठंडा रखेगा। इस कूलर का नाम है “नमो कूलर” और यह गर्मी से परेशान लोगों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है।
डॉ. अजय शंकर मिश्रा, जो सागर यूनिवर्सिटी के बॉटनी विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर हैं, ने इस कूलर को बड़े जुगाड़ से तैयार किया है। उनका कहना है कि यह कूलर न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि इसे घर में आसानी से लगाया जा सकता है।
यह 15 साल तक सेवा देने की क्षमता रखता है। नमो कूलर के दो बड़े फायदे हैं। पहला, यह कार्बन उत्सर्जन को रोकता है, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता। दूसरा, यह धूल के कणों को कमरे में प्रवेश नहीं करने देता, जिससे अंदर की हवा साफ और स्वस्थ रहती है।
बिना बिजली के भी ठंडक सागर के डॉ. अजय शंकर मिश्रा का अनोखा नमो कूलर
गर्मी के मौसम में बिजली कटौती से परेशान सागर के डॉ. अजय शंकर मिश्रा, जो अब ऑटो पार्ट्स की दुकान चलाते हैं, ने एक अनोखा समाधान निकाला है। उनकी दुकान शहर से बाहर ग्रामीण क्षेत्र में है, जहां गर्मी के चलते बिजली की समस्या आम है।
डॉ. अजय ने बताया कि अगर 5 मिनट के लिए भी पंखा या कूलर बंद हो जाए तो उमस बढ़ जाती है। इसी समस्या का हल निकालते हुए उन्होंने “नमो कूलर” तैयार किया है, जो बिना बिजली के भी कमरे को ठंडा रखता है। बिजली होने पर इसका फायदा और भी बढ़ जाता है।
कूलर कैसे तैयार किया गया है जानिए
सागर के डॉ. अजय शंकर मिश्रा, जो अब ऑटो पार्ट्स की दुकान संचालित करते हैं, ने गर्मी और बिजली कटौती की समस्या का अनोखा समाधान निकाला है। उन्होंने अपनी दुकान के दरवाजे पर 6 बाई 2 की हनीकॉम्ब पॉली कार्बोनेट शीट लगाई है, जिसे एल्युमिनियम की जाली और लकड़ी के गत्तों से सपोर्ट किया गया है।
शीट के ऊपर आधा इंच की प्लास्टिक पाइप लगाई गई है, जिसमें छोटे-छोटे छेद किए गए हैं। 15 वाट के पानी पंप के जरिए बाल्टी से पानी की सप्लाई की जाती है, जो शीट के ऊपर से बहता है। नीचे एक ट्रे रखी गई है, जिससे पानी का सर्कुलेशन बराबर बना रहता है।
जब बाहर की प्राकृतिक हवा इस जाली से होकर आती है, तो पानी से ठंडी हो जाती है और उसकी गंदगी भी पानी अवशोषित कर लेता है। इस प्रक्रिया से कमरे में ठंडी और साफ हवा बनी रहती है। अगर बिजली नहीं है, तो हनीकॉम्ब शीट पर कपड़ा भिगोकर डाल सकते हैं, जिससे ठंडी हवा आती रहेगी। यदि पंप और एग्जॉस्ट फैन को इनवर्टर से कनेक्ट कर दिया जाए, तो बिजली जाने पर भी कूलर काम करता रहेगा।
₹3000 के कूलर के बारे में जानकारी प्राप्त करें
डॉ. अजय शंकर मिश्रा ने 3000 रुपये की लागत में एक अनोखा और सस्ता कूलर तैयार किया है। उनके अनुसार, उनके हॉल का आयतन 8000 वर्ग फीट है, जहाँ तीन-चार कर्मचारी काम करते हैं। ठंडी हवा को दूर तक पहुंचाने के लिए उन्होंने एक एग्जॉस्ट भी लगाया है, जो हवा को फैलाता है।
बिजली जाने पर भी इस कूलर से ठंडी हवा मिलती रहती है, जिससे गर्मी का एहसास कम हो जाता है। इस कूलर को बनाने में कुल 3000 रुपये का खर्च आया है, जिसमें लेबर खर्च भी शामिल है। यह सस्ता और प्रभावी कूलर उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जो बिजली कटौती की समस्या से जूझ रहे हैं।
क्या यह कूलर प्राकृतिक हवा से चल सकता है जाने
डॉ. अजय मिश्रा का ‘नमो कूलर’ बिना एग्जॉस्ट फैन के भी आपके घर में ठंडी हवा ला सकता है। इसे खिड़की पर लगाकर बाहर की प्राकृतिक हवा को ठंडी किया जा सकता है। इस कूलर को चलाने के लिए सिर्फ वाटर पंप का उपयोग करना होता है, जिसका दिनभर का बिजली खर्च केवल दो-चार रुपये आता है।
इसके अलावा, इस कूलर को चलाने के लिए दिनभर में तीन-चार बाल्टी पानी की जरूरत होती है। अगर आपको हवा को दूर तक पहुंचाना है, तो हनीकॉम्ब शीट के आगे एग्जॉस्ट फैन लगा सकते हैं, जिससे यह कूलर जैसा काम करेगा। इस सस्ते और प्रभावी समाधान से आप गर्मी में राहत पा सकते हैं।
यह भी पढ़ें: