भारत सरकार ने संकेत दिया है कि 8वें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन जल्दबाजी में नहीं किया जाएगा। सरकारी सूत्रों के अनुसार, एनडीटीवी के मुताबिक, आयोग की सिफारिशें 2026 से लागू की जाएंगी, इसलिए अभी समय है। इससे पहले, 28 फरवरी 2014 को मनमोहन सिंह सरकार ने 7वें केंद्रीय वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस की मंजूरी दी थी, और उसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थीं। इस बार, सरकार ने सुनिश्चित किया है कि पिछली बार की असंगतियों को सुधारते हुए एक सही और प्रभावी योजना तैयार की जाएगी।
आठवें वेतन आयोग क्या है
भारतीय रेलवे के प्रमुख कर्मचारी संगठनों, जैसे आल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन और इंडियन रेलवे टेक्निकल सुपरवाइजर्स एसोसिएशन ने वित्त मंत्री और कैबिनेट सचिव से आठवें वेतन आयोग की स्थापना की मांग की है। ये संगठन संसद के बजट सत्र के दौरान सरकार से उचित वेतन सुधार की अपील कर रहे हैं।
आठ साल आठवें आयोग की स्थापना की मांग
पिछले सप्ताह शिवगोपाल मिश्रा ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि सातवें वेतन आयोग को लागू हुए अब आठ साल से अधिक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि आठवें वेतन आयोग की स्थापना के लिए अब समय आ गया है और इसके गठन की घोषणा जल्द की जानी चाहिए। मिश्रा ने कैबिनेट सचिव के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की और सचिव ने आश्वासन दिया है कि इस पर शीघ्र ध्यान दिया जाएगा। कर्मचारियों की बेहतरी के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे समय पर वेतन संशोधन और सुधार सुनिश्चित हो सके।
संगठन द्वारा आयोग की आवश्यकता बदलते समय के साथ वेतन सुधार का महत्व
संगठनों द्वारा आठवें वेतन आयोग के गठन का महत्व प्रमुखता से दर्शाया जा रहा है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुईं, और तब से सरकारी कामकाज में कई महत्वपूर्ण बदलाव आ चुके हैं। भारतीय उद्योग का विस्तार हुआ है, और उद्योग में भी लगातार वृद्धि हो रही है। इन बदलावों के चलते, कर्मचारियों का वेतन और लाभ भी अपडेट किए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।