भारत सरकार नागरिकों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित करती है, जिनमें से कई बचत योजनाएं शामिल हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), जो लोगों को उनके भविष्य के लिए पेंशन प्रदान करने का एक भरोसेमंद माध्यम है। अब इसी दिशा में सरकार ने नाबालिग बच्चों के लिए ‘NPS वात्सल्य योजना’ शुरू करने की योजना बनाई है, जिसकी घोषणा केंद्रीय बजट 2024 में की गई थी।
इस योजना के अंतर्गत, माता-पिता या अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों के नाम से NPS खाता खोल सकते हैं और नियमित रूप से उसमें योगदान दे सकते हैं। जैसे ही बच्चा 18 वर्ष का हो जाता है, यह योजना पूर्ण रूप से प्रभावी हो जाएगी और पेंशन का लाभ दिया जाएगा। सरकार इस योजना के लिए पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के साथ मिलकर काम कर रही है, ताकि इसका क्रियान्वयन सही तरीके से हो सके। इस योजना के औपचारिक शुभारंभ की तैयारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में की जा रही है और अगले कुछ ही हफ्तों में इसे शुरू किए जाने की संभावना है।
NPS वात्सल्य योजना: निवेश विकल्प और लचीलेपन के साथ सुरक्षित भविष्य
‘NPS वात्सल्य योजना’ नाबालिगों के लिए पेंशन सुरक्षित करने का एक अनूठा तरीका है, जो पारंपरिक नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की तर्ज पर काम करती है। इस योजना में भी निवेशकों को विभिन्न निवेश विकल्पों का लाभ मिलेगा, जो उनके जोखिम क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार लचीलापन प्रदान करता है।
इस योजना के अंतर्गत, ग्राहकों को इक्विटी, सरकारी प्रतिभूतियां और कॉर्पोरेट बॉन्ड जैसे विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे, जो विभिन्न जोखिम प्रोफाइल के अनुरूप होते हैं। यह विकल्प ग्राहकों को अपने निवेश पोर्टफोलियो को प्रभावी रूप से प्रबंधित करने का अवसर देते हैं, जिससे वे अपने भविष्य के लिए एक स्थिर पेंशन योजना तैयार कर सकें। ‘NPS वात्सल्य योजना’ में निवेशकों को दो विकल्पों में से एक चुनने का मौका मिलता है: स्वचालित विकल्प और सक्रिय विकल्प।
स्वचालित विकल्प में निवेश ग्राहक की आयु के अनुसार समायोजित किया जाता है, जिससे उम्र के साथ निवेश का जोखिम घटता जाता है। दूसरी ओर, सक्रिय विकल्प उन लोगों के लिए है जो अपने निवेश को खुद प्रबंधित करना चाहते हैं और अपने जोखिम प्रोफाइल के अनुसार योजना को संचालित करते हैं। इस योजना का उद्देश्य नाबालिगों के लिए सुरक्षित पेंशन व्यवस्था करना है, जिससे उनके भविष्य के वित्तीय बोझ को कम किया जा सके और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके।
NPS वात्सल्य योजना: बच्चे के एडल्ट होने पर निवेश और निकासी के लचीले विकल्प
‘NPS वात्सल्य योजना’ नाबालिगों के भविष्य को सुरक्षित करने का एक मजबूत माध्यम है, जो बच्चे के 18 वर्ष का होते ही एक नियमित NPS खाते में आसानी से परिवर्तित हो जाती है। इस परिवर्तन के बाद, बालिग व्यक्ति को अपने निवेश और बचत को स्वतंत्र रूप से प्रबंधित करने की पूरी आजादी मिलती है।
इस योजना के तहत, शैक्षणिक या चिकित्सा उद्देश्यों के लिए खाता खोलने के तीन साल बाद आंशिक निकासी की अनुमति दी जा सकती है। हालांकि, इस निकासी पर कुल योगदान राशि का केवल 25 प्रतिशत ही निकाला जा सकेगा। यह विकल्प आपातकालीन स्थितियों में वित्तीय सहायता प्रदान करने का एक साधन है, जिससे बच्चा भविष्य में अनावश्यक वित्तीय तनाव से बच सके।
जब नाबालिग 18 वर्ष का हो जाता है, तो उसे योजना से बाहर निकलने का भी विकल्प मिलता है। इस स्थिति में, जमा की गई राशि का 80 प्रतिशत भाग वार्षिकी योजना में निवेश किया जा सकता है, जिससे नियमित मासिक आय प्राप्त होगी, जबकि शेष 20 प्रतिशत राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है। यह लचीला विकल्प न केवल भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखता है, बल्कि आर्थिक स्थिरता भी सुनिश्चित करता है। ‘NPS वात्सल्य योजना’ नाबालिगों के लिए एक समग्र वित्तीय योजना के रूप में काम करती है, जिससे उनके भविष्य के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है।