केंद्र सरकार ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी देकर सरकारी कर्मचारियों की पेंशन बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब, निजी क्षेत्र से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के लिए न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर ₹7,500 करने की मांग तेजी से जोर पकड़ रही है। इस संबंध में, पेंशनर्स के एक संगठन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर इस मुद्दे को उठाया।
न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी की मांग पर सरकार की संवेदनशीलता
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से हुई एक महत्वपूर्ण मुलाकात के दौरान, न्यूनतम पेंशन को ₹7,500 प्रति माह तक बढ़ाने की मांग जोर-शोर से उठाई गई। ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति, जिसमें 78 लाख सेवानिवृत्त पेंशनर्स और औद्योगिक क्षेत्र के 7.5 करोड़ कर्मचारी शामिल हैं, ने यह मांग रखी। समिति के अनुसार, वित्त मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार बुजुर्गों की जरूरतों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। सीतारमण ने कहा कि सरकार पेंशनर्स की मांग को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी और ईपीएफओ द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
क्या रूपये 1450 से बढाकर 7500 रूपये कर दी जाएगी जानिए
ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC) ने पेंशन को ₹1,450 से बढ़ाकर ₹7,500 प्रति माह करने की मांग को लेकर लगातार आवाज़ उठाई है। हाल ही में, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने समिति को आश्वासन दिया कि सरकार पेंशनर्स की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा।
इसके साथ ही, केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने भी समिति के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। मौजूदा समय में, ईपीएस-95 NAC के सदस्य बेहद कम पेंशन से जूझ रहे हैं और उनकी यह मांग सरकार द्वारा संज्ञान में ली जा रही है, जिससे जल्द ही उन्हें राहत मिलने की उम्मीद है।
क्या 36 लाख पेंशनर्स को 1000 से काम रूपये मिलते हैं जानिए
ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC) के अध्यक्ष अशोक राउत ने पेंशनर्स की नाराजगी को उजागर करते हुए कहा है कि 36 लाख पेंशनर्स को हर महीने 1,000 रुपये से भी कम पेंशन मिल रही है। समिति की मांग है कि न केवल न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर ₹7,500 किया जाए, बल्कि ईपीएस सदस्यों और उनके जीवनसाथियों को भी चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएं।
राउत का कहना है कि पेंशनर्स पिछले आठ सालों से पेंशन बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी आवाज अनसुनी की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि पेंशनर्स ने अपने जीवनभर पेंशन कोष में योगदान दिया है, इसके बावजूद उन्हें बेहद कम पेंशन मिल रही है, जो उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है।