रिटायरमेंट के बाद आर्थिक रूप से सुरक्षित जीवन जीने की योजना बनाना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। इसके लिए EPF (Employees Provident Fund) सबसे बेहतर विकल्प है। अगर आपकी बेसिक सैलरी 10,000 रुपये है और आप EPF में नियमित निवेश करते हैं, तो रिटायरमेंट के समय आपके पास करीब 2 करोड़ रुपये तक जमा हो सकते हैं।
The chopal EPFO क्या है
रिटायरमेंट के बाद आर्थिक रूप से स्वतंत्र और सुखद जीवन जीने के लिए समय रहते निवेश करना बेहद जरूरी है। Employees Provident Fund (EPF) ऐसा ही एक विकल्प है, जो न केवल सुरक्षित है बल्कि अच्छा रिटर्न भी देता है। EPF में नियमित निवेश करके आप एक मजबूत रिटायरमेंट फंड तैयार कर सकते हैं, भले ही आपकी बेसिक सैलरी कम हो। अगर आपकी बेसिक सैलरी 10,000 रुपये है, तो आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश करके लंबी अवधि में बड़ी रकम जोड़ सकते हैं।
क्या EPFO निवेश पर हैं सुनिश्चित लाभ जानिए
Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) रिटायरमेंट के लिए एक सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न देने वाला निवेश विकल्प है। EPF की ब्याज दरें अन्य बचत योजनाओं की तुलना में अधिक होती हैं, जो इसे नौकरीपेशा लोगों के लिए आदर्श बनाती हैं। नियमित निवेश के जरिए आप अपने रिटायरमेंट के लिए एक मजबूत फंड तैयार कर सकते हैं।
EPFO की सबसे बड़ी खासियत है कि यह मार्केट जोखिमों से मुक्त है और हर साल सुनिश्चित रिटर्न प्रदान करता है। हालांकि, शेयर बाजार से जुड़े निवेश अधिक रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन वे जोखिम भरे होते हैं और रिटायरमेंट तक बड़ी धनराशि जुटाने की कोई गारंटी नहीं देते।
कैसे प्रभावित करती है EPFO स्कीम कर्मचारियों को जानिए
EPFO स्कीम कर्मचारियों के आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करने में अहम भूमिका निभाती है। इस योजना के तहत, हर महीने कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12% हिस्सा काटकर उसके प्रोविडेंट फंड में जमा किया जाता है। इतना ही नहीं, नियोक्ता भी कर्मचारी की सैलरी का 12% योगदान देता है।
नियोक्ता के योगदान में से 8.33% हिस्सा कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) में जाता है, जबकि बाकी 3.67% कर्मचारी के प्रोविडेंट फंड (EPF) में जोड़ा जाता है। यह योजना न केवल कर्मचारियों को सेविंग की आदत सिखाती है, बल्कि रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान करती है।