प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जनवरी 2024 में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत, अब सरकार ने सोमवार को ‘मॉडल सोलर गांव’ के क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने अपने बयान में बताया कि इस योजना के तहत देश के हर जिले में मॉडल सौर गांव बनाए जाएंगे। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण समुदायों को सौर ऊर्जा के प्रति जागरूक करना और उनकी ऊर्जा जरूरतों में आत्मनिर्भर बनाना है। इस पहल के माध्यम से सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या को सुलझाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देना चाहती है।
क्या 800 करोड़ रुपये किये गए आवंटित जानिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा शुरू की गई ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के तहत ग्रामीण इलाकों को सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए 800 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। इस बजट के तहत, देश के प्रत्येक चयनित ‘मॉडल सौर गांव’ को एक करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
इस योजना के तहत गांवों का चयन एक प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। इसमें जिला-स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा जो यह सुनिश्चित करेगी कि चयनित गांव सौर ऊर्जा के उपयोग में अग्रणी बने और ऊर्जा की जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर हो सकें। मंत्रालय के अनुसार, चयन प्रक्रिया के लिए गांव का राजस्व गांव होना अनिवार्य है, जिसकी आबादी 5,000 से अधिक होनी चाहिए।
विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए यह संख्या 2,000 रखी गई है। चयनित गांवों में अगले छह महीनों के भीतर समग्र वितरित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ये गांव अन्य गांवों के लिए एक आदर्श बन सकें, जहां लोग सौर ऊर्जा का प्रभावी उपयोग कर सकें।
जानिए इस योजना के बारे में
भारत सरकार ने फरवरी 2024 में पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी दी थी, जिसका मुख्य उद्देश्य देश के आवासीय घरों को सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन के लिए सक्षम बनाना है। इस योजना के तहत, सरकार प्रत्येक परिवार को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करेगी।
इसके अलावा, छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार ₹30,000 से ₹78,000 तक की सब्सिडी भी दे रही है। इस योजना का लाभ देशभर के एक करोड़ पात्र परिवारों को मिलेगा, जिससे उन्हें बिजली के बिल में भारी बचत होगी। योजना के क्रियान्वयन के लिए 75,021 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है और इसे 2026-27 तक लागू किया जाएगा।