जब भी कोई ग्राहक लोन के लिए अप्लाई करता है, तो बैंक और लोन देने वाली संस्थाएं सबसे पहले उसका सिबिल स्कोर चेक करती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सिबिल स्कोर चेक करने के लिए 5 नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य ग्राहकों को अधिक पारदर्शिता और सुविधा प्रदान करना है।
नए नियमों के तहत, अब जब आपका सिबिल स्कोर चेक किया जाएगा, तो आपको इसकी पूरी जानकारी दी जाएगी। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि बिना आपकी सहमति के कोई आपके सिबिल स्कोर को एक्सेस न कर सके। यह बदलाव न केवल ग्राहकों की गोपनीयता बढ़ाएगा बल्कि गलत तरीके से स्कोर चेक करने की घटनाओं पर भी रोक लगाएगा। अगर आप अपने सिबिल स्कोर चेक करना चाहते हैं, तो आप इसे ऑनलाइन आरबीआई-अनुमोदित प्लेटफॉर्म्स के जरिए आसानी से देख सकते हैं।
क्या सिबिल स्कोर चेक करने पर तुरंत ग्राहकों को बताना होगा जानिए
अब जब भी कोई बैंक या लोन देने वाली संस्था किसी ग्राहक का सिबिल स्कोर या क्रेडिट रिपोर्ट चेक करेगी, तो ग्राहक को इसकी जानकारी तुरंत दी जाएगी। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, यह सूचना एसएमएस या ईमेल के जरिए भेजी जानी चाहिए। इस नियम को लागू करने का उद्देश्य ग्राहकों की शिकायतों को कम करना और पारदर्शिता बढ़ाना है।
पहले, कई ग्राहक यह नहीं जानते थे कि उनकी क्रेडिट रिपोर्ट कब और क्यों चेक की गई। इससे असंतोष की स्थिति पैदा हो रही थी। अब ग्राहक समय रहते इस बारे में जागरूक रहेंगे और जरूरत पड़ने पर अपनी सहमति सुनिश्चित कर पाएंगे।
क्या बिना कारण रिक्वेस्ट नहीं होगी रिजेक्ट जानिए
अगर आप लोन के लिए अप्लाई करते हैं और आपकी रिक्वेस्ट रिजेक्ट हो जाती है, तो अब बैंक या वित्तीय संस्थान बिना कारण बताए ऐसा नहीं कर सकते। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नए नियमों के अनुसार, लोन रिजेक्शन का स्पष्ट कारण ग्राहक को बताना अनिवार्य होगा।
यह बदलाव इसलिए लाया गया है ताकि ग्राहकों को उनकी वित्तीय स्थिति और लोन न मिलने की वजहों की सही जानकारी मिल सके। इसके साथ ही, बैंक और वित्तीय संस्थानों को रिजेक्शन की वजहों की पूरी लिस्ट सभी क्रेडिट संस्थानों के साथ साझा करनी होगी।
जानिए कौन सी ऑनलाइन सुविधा देनी होगी ग्राहकों को जानिए
आरबीआई के नए नियमों के तहत लोन देने वाली संस्थाओं को ग्राहकों को साल में एक बार उनकी फुल क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में उपलब्ध करानी होगी। इसके लिए क्रेडिट कंपनियां अपनी वेबसाइट पर एक लिंक उपलब्ध कराएंगी, जहां ग्राहक आसानी से लॉग इन करके अपना CIBIL स्कोर और पूरी क्रेडिट हिस्ट्री देख सकेंगे।
इस नियम का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर तरीके से समझने और लोन के लिए बेहतर तैयारी करने का मौका देना है। इससे ग्राहक को यह भी पता चलेगा कि उनका क्रेडिट स्कोर कहां कमजोर है और उसे कैसे सुधारा जा सकता है।