rooftop solar panel at home: आज के समय में, दुनियाभर में ऊर्जा की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा का इस्तेमाल हो रहा है। यदि आपके घर में प्रतिदिन 7-8 घंटे की धूप आती है, तो आप हर महीने आने वाले बिजली बिल से पूरी तरह छुटकारा पा सकते हैं।
सौर ऊर्जा एक आदर्श ऊर्जा स्रोत के रूप में उभर रही है। इसका उपयोग आवासीय भवनों, होटलों, खेतों में सिंचाई, और अन्य घरेलू कार्यों में बढ़-चढ़कर किया जा रहा है। हमारे देश की सरकार भी सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित कर रही है और इसके उपयोग को बढ़ावा दे रही है।
यदि आप भी अपने घर में सौर ऊर्जा का लाभ उठाना चाहते हैं, तो अपने घर में सोलर पैनल लगवाने पर विचार कर सकते हैं। सोलर पैनल न केवल पर्यावरण के लिए अच्छे हैं बल्कि आपके बिजली बिल को भी काफी हद तक कम कर सकते हैं।
किस तरह के सोलर पैनल से मिलेगी अधिक राहत?
सौर ऊर्जा का सही उपयोग करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सही सोलर पैनल चुनें। यहाँ तीन प्रमुख प्रकार के सोलर पैनल के बारे में जानकारी दी जा रही है:
ऑन ग्रिड सोलर पैनल (On Grid Solar Panel): ये पैनल सीधे बिजली के खंभों से जुड़े होते हैं और नेट मीटरिंग के माध्यम से बिजली के बिल को कम करते हैं। ऑन ग्रिड सोलर पैनल का उपयोग उन जगहों पर अधिक फायदेमंद होता है जहां बिजली की उपलब्धता अच्छी होती है और नियमित कटौती नहीं होती।
ऑफ ग्रिड सोलर पैनल (Off Grid Solar Panel): इस प्रकार के पैनल को बैटरी और इन्वर्टर की जरूरत होती है। ये पैनल उन इलाकों के लिए सर्वोत्तम हैं जहां बिजली की कटौती की समस्या अधिक होती है। बैटरी और इन्वर्टर की मदद से आप बिना बिजली के भी ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं।
हाइब्रिड सोलर सिस्टम (Hybrid Solar System): हाइब्रिड सोलर सिस्टम में नेट मीटरिंग के साथ बैटरी बैकअप भी होता है। यह सिस्टम बिजली के अभाव में भी काम करता रहता है, जिससे आप लगातार ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं। इसकी बाजार में अधिक मांग है क्योंकि यह दोनों प्रकार की सुविधाएं प्रदान करता है।
सोलर सिस्टम के मुख्य पार्ट्स और सही चयन
सोलर पैनल (Solar Panel): यह सूर्य की रोशनी को बिजली में बदलने का काम करता है।
इन्वर्टर (Inverter): यह सोलर पैनल से उत्पन्न डीसी बिजली को एसी बिजली में बदलता है, जिससे घर के उपकरण चल सकें।
बैटरी (Battery): यह अतिरिक्त बिजली को संग्रहित करती है, जिससे रात के समय या बिजली कटौती के दौरान भी बिजली उपलब्ध रहती है।
कितने किलोवाट का सोलर पैनल खरीदें?
यदि आप सोलर पैनल से लाइट, पंखा, टीवी, फ्रिज और मोटर चलाना चाहते हैं, तो आपको हर दिन करीब 6 से 7 यूनिट बिजली की जरूरत होगी। ऐसे में, 1.5 से 2 किलोवाट का सोलर सिस्टम लेना ज्यादा बेहतर होगा।
यदि आप हर दिन 1500 से 1800 वाट बिजली की खपत कर रहे हैं, तो आपको कम से कम 2500 वाट का इन्वर्टर लेना होगा। एक पूरे सोलर सिस्टम को लगाने में करीब 70-80 हजार रुपये का खर्च आता है। सही सोलर पैनल और उपकरणों का चयन आपके बिजली बिल को काफी हद तक कम कर सकता है और आपको आत्मनिर्भर बना सकता है।
सोलर सिस्टम कैसे लगाएं: एक सरल गाइड
अपने घर में सोलर सिस्टम लगाना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान है। सही प्रक्रिया अपनाकर आप खुद ही यह काम कर सकते हैं और बिजली के बिल से छुटकारा पा सकते हैं।
1. सोलर पैनल को फ्रेम में सेट करें: सबसे पहले सोलर पैनल को आंधी-तूफान से बचाने के लिए एक मजबूत फ्रेम में सेट करें।
2. तार की व्यवस्था: सोलर पैनल, इन्वर्टर और बैटरी को कनेक्ट करने के लिए 6 एमएम या 10 एमएम के तारों की जरूरत होगी। ध्यान दें कि तार की लंबाई 10-12 मीटर से ज्यादा न हो, ताकि पावर लॉस से बचा जा सके।
3. तार की सुरक्षा: तार को सुरक्षित रखने के लिए इलेक्ट्रिक फिटिंग पाइप का उपयोग करें।
कनेक्शन प्रक्रिया:
1. कनेक्टर का उपयोग: तार को एक कनेक्टर के जरिए सोलर पैनल से जोड़ें।
2. बैटरी से कनेक्शन: अब तार को बैटरी से जोड़ें।
3. इन्वर्टर से कनेक्शन: फिर इन्वर्टर को बैटरी से जोड़ें और अंत में इन्वर्टर को अपने घर के इलेक्ट्रिक बोर्ड से कनेक्ट करें।
इन सभी स्टेप्स को ध्यानपूर्वक अपनाकर आप खुद ही अपने घर में सोलर सिस्टम लगा सकते हैं। इस प्रक्रिया से न केवल आप बिजली बिल से बचत करेंगे, बल्कि पर्यावरण के लिए भी एक सकारात्मक कदम उठाएंगे।
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