सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में पिछले 9 दिनों से लगातार तेजी देखने को मिल रही है। इस अवधि के दौरान कंपनी के स्टॉक में 31% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आज गुरुवार को सुजलॉन के शेयर 2.3% चढ़कर 71 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गए, जो कि इसका 52 हफ्तों का सबसे उच्चतम स्तर है।
इस तेजी के पीछे कंपनी के जून तिमाही के शानदार नतीजे हैं। दरअसल, जून तिमाही में सुजलॉन एनर्जी का नेट प्रॉफिट 200% बढ़कर 300 करोड़ रुपये हो गया है, जिसने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है। कंपनी के बेहतरीन प्रदर्शन और मुनाफे में इस बड़े उछाल ने बाजार में सकारात्मक माहौल बनाया है।
क्या हैं इन शेयरों के हाल जानिए
कैलेंडर वर्ष 2024 में जुलाई महीना सुजलॉन एनर्जी के शेयरों के लिए सबसे अच्छा साबित हुआ। इस महीने में कंपनी के स्टॉक में 31% की वृद्धि हुई है, जिससे यह लगातार चौथे महीने बढ़त दर्ज कर रहा है। सुजलॉन का रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (आरएसआई) अब ओवरबॉट क्षेत्र में पहुंच गया है, वर्तमान में 87 के स्तर पर है। आरएसआई का 70 से ऊपर होना संकेत देता है कि स्टॉक ‘ओवरबॉट’ क्षेत्र में है, यानी इसमें फिलहाल ज्यादा खरीदारी हो चुकी है।
क्या ₹115 का है टारगेट प्राइस जानिए
सुजलॉन एनर्जी के शेयरों के भविष्य को लेकर विशेषज्ञों ने उत्साहजनक पूर्वानुमान व्यक्त किया है। ट्रेडबुल्स सिक्योरिटीज के सच्चितानंद उत्तेकर के अनुसार, सुजलॉन के शेयर ₹95 से ₹115 तक पहुंच सकते हैं। वहीं, आनंद राठी के जिगर पटेल ने भी इस बात की पुष्टि की है कि स्टॉक चार्ट पर सकारात्मक संकेत देखे जा रहे हैं और स्टॉक में बढ़ोतरी की संभावना है।
हालांकि, पटेल ने सावधानी बरतने की सलाह भी दी है। वर्तमान में, सुजलॉन का स्टॉक प्रमुख मूविंग एवरेज से काफी ऊपर कारोबार कर रहा है, जो कि एक संभावित उलटफेर का संकेत हो सकता है। इसका मतलब है कि स्टॉक अपने औसत मूल्य स्तर पर वापस आ सकता है।
क्या IPO 2015 में आया था जानते हैं आइये इसके बारे में
सुजलॉन एनर्जी ने जून तिमाही में अपने रेवेन्यू में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है। इस अवधि में कंपनी का रेवेन्यू ₹2,016 करोड़ पर पहुंच गया, जो एक साल पहले के ₹1,348 करोड़ से 50% अधिक है। पहली तिमाही की डिलीवरी भी सात वर्षों में सबसे अधिक रही, जो कंपनी की मजबूती को दर्शाती है।
सुजलॉन ग्रुप के CFO हिमांशु मोदी के अनुसार, कंपनी की मौजूदा ऑर्डरबुक, जो 3.8 गीगावॉट की है, अब तक की सबसे बड़ी है और अगले 18 महीनों में पूरी की जाएगी। मोदी ने यह भी बताया कि कंपनी 17% से 18% के बीच मार्जिन बरकरार रख सकती है।
सुजलॉन का आईपीओ 2005 के अंत में लगभग ₹500 पर आया था, लेकिन 2019 तक स्टॉक ₹2 प्रति शेयर के निचले स्तर पर गिर गया था। अब, ₹2 के स्तर से इस शेयर ने 3450% की वृद्धि दर्ज की है, जो कंपनी की सफलता और निवेशकों के विश्वास को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।