नई दिल्ली: सुजलॉन एनर्जी ने हाल के दिनों में शेयर बाजार में जबरदस्त प्रदर्शन किया है, जिसे देखते हुए इसे पैसा छापने की मशीन कहा जा सकता है। अगर इसके हाल के प्रदर्शन पर नजर डालें तो 12 सितंबर को यह शेयर लगातार तीसरे दिन 5% का अपर सर्किट लगाते हुए पिछले बुधवार के हाई लेवल 86 रुपये को छू गया। गुरुवार के कारोबारी सत्र में भी यह तेजी बरकरार रही। अपर सर्किट लगाने के बाद, सुजलॉन एनर्जी का शेयर दोपहर 12:51 बजे 0.25% की वृद्धि के साथ 82.15 रुपये पर सपाट कारोबार कर रहा था।
शेयर में क्या कारण हैं तेजी के जानिए
सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में हालिया तेजी का एक महत्वपूर्ण कारण अमेरिकी इन्वेस्टमेंट बैंक मॉर्गन स्टेनली की ओवरवेट रेटिंग को माना जा रहा है। इस रेटिंग के बाद से ही कंपनी के शेयरों में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। निवेशकों का मानना है कि इस रेटिंग से कंपनी की वित्तीय स्थिति में मजबूती और भविष्य में संभावनाओं के प्रति विश्वास बढ़ा है।
हैवी ट्रेडिंग वॉल्यूम के बारे में जानें
सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में इन दिनों बड़ी मात्रा में लेनदेन हो रहा है, जिससे यह शेयर चर्चा में है। आंकड़ों के अनुसार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लगभग 13.94 करोड़ शेयरों की अदला-बदली की गई है। इस भारी ट्रेडिंग वॉल्यूम के साथ, शेयर का ट्रेड वैल्यू करीब 1173.4 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। निवेशकों का सुजलॉन पर बढ़ता भरोसा और इसमें लगातार हो रही खरीदारी से शेयर की मांग बढ़ी है, जो इसके भविष्य में और मजबूत प्रदर्शन का संकेत देती है।
क्या बढ़ेगी अर्निंग विजिबिलिटी जानिए
सुजलॉन एनर्जी को हाल ही में एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी से 1166 मेगावाट का बड़ा ऑर्डर मिला है, जो कंपनी के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। इस ऑर्डर के तहत, सुजलॉन को 370 एस 144 विंड टरबाइन इंस्टॉल करने होंगे। मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, यह ऑर्डर कंपनी की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ बनाएगा और वित्तीय वर्ष 2026 और 2027 के लिए अर्निंग विजिबिलिटी को और बेहतर करेगा।
क्या रियल एस्टेट दिया लीज पर जानें
सुजलॉन एनर्जी ने हाल ही में पुणे में स्थित अपनी प्रमुख रियल एस्टेट प्रॉपर्टी को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। कंपनी ने अपनी वन अर्थ प्रॉपर्टी को अगले पांच वर्षों के लिए 440 करोड़ रुपये में लीज और सेल एग्रीमेंट पर साइन किया है। यह प्रॉपर्टी सुजलॉन के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है, और इसके लीज पर देने से कंपनी को वित्तीय लाभ होगा और इसके कैश फ्लो को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलेगी।