उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत लाखों लोगों को सोलर पैनल लगाने का लाभ मिल रहा है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार ने 3 सालों में 25 लाख सोलर रूफटॉप लगाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें अब तक 43,000 पैनल लग चुके हैं। इस योजना का उद्देश्य न केवल बिजली की खपत में कमी लाना है, बल्कि पर्यावरण को भी स्वच्छ रखना है।
लखनऊ के जानकीपुरम में रहने वाले प्रकाश मिश्रा ने अपनी पत्नी के साथ 6 महीने पहले 4 यूनिट का सोलर पैनल लगवाया। उनकी सोलर पैनल से एक दिन में 18 से 24 यूनिट तक बिजली उत्पन्न होती है, जबकि उनकी खपत केवल 7 से 8 यूनिट की रहती है।
इस पैनल को लगाने में 2,38,000 रुपये की लागत आई, जिसमें 1,08,000 रुपये की सब्सिडी वापस मिल गई। प्रकाश मिश्रा इस योजना से काफी संतुष्ट हैं और इसे अपनी बिजली बिल की बचत के लिए एक बेहतरीन कदम मानते हैं।
उत्तर प्रदेश में सोलर पैनल की बढ़ती मांग
उत्तर प्रदेश में सोलर पैनल की बढ़ती लोकप्रियता अब आम लोगों के जीवन में एक अहम बदलाव ला रही है। लखनऊ के उदय प्रताप सिंह, जो पेशे से सरकारी शिक्षक हैं, ने 4 यूनिट का सोलर पैनल लगवाया। उनका कहना है कि अब उनकी रोजाना खपत सिर्फ 20 यूनिट की होती है, जबकि उनका सोलर पैनल 23-24 यूनिट तक उत्पादन करता है।
इसका फायदा यह हुआ कि उनके पास हर दिन 4 यूनिट बचने लगे, जिसे वह बिजली विभाग को भेज देते हैं। पहले उनका बिजली बिल 4500-5000 रुपये तक आता था, लेकिन अब सिर्फ 1500 रुपये का बिल आता है, जिसमें मीटर, इलेक्ट्रिक डानी और एनर्जी चार्ज शामिल हैं। इससे उनके परिवार को काफी राहत मिली है।
लखनऊ के कुर्सी रोड पर रहने वाले सुरेंद्र, जो एक शिक्षक हैं, ने भी सोलर पैनल लगवाया। उन्होंने 3 यूनिट का सोलर पैनल लगाया, जिसकी कुल लागत 1,80,000 रुपये आई, जिसमें 1,08,000 रुपये की सब्सिडी उन्हें वापस मिली। पहले उनका बिल 3000-4000 रुपये आता था, लेकिन अब उन्हें कोई बिल नहीं आता। उनकी खपत 5-6 यूनिट रोजाना होती है, और बाकी की बिजली वे सोलर से उत्पन्न करते हैं।
लखनऊ के रवि प्रताप सिंह, जो सोलर बिजनेस से जुड़े हैं, ने 2016 में सोलर प्लांट इंस्टॉलेशन का व्यवसाय शुरू किया। बीटेक करने के बाद उन्होंने बिजनेस में कदम रखा और आज उनकी कंपनी “फॉर्म अल्कोहल सॉल्यूशन” बहुत प्रसिद्ध हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रचार के बाद सोलर पैनल की मांग में भारी बढ़ोतरी हुई है, और अब वे रोजाना औसतन 25 सोलर प्लांट इंस्टॉल करते हैं।
क्या है सोलर पैनल व्यवसाय से सफलता की नई राह
लोकेंद्र विक्रम सिंह, जो भार्गव इंटरप्राइजेज के नाम से सोलर पैनल इंस्टॉलेशन का व्यवसाय चलाते हैं, ने सिविल सर्विसेज में सफलता न मिलने के बाद सोलर बिजनेस में कदम रखा था। उनका उद्देश्य न सिर्फ बिजली बचत करना था, बल्कि अन्य लोगों को भी सोलर ऊर्जा का लाभ दिलाना था।
आज वे औसतन हर महीने 15 से 16 सोलर पैनल प्लांट इंस्टॉल कर रहे हैं, और उनके ग्राहकों को 5 साल तक की सर्विस सपोर्ट और पैनल की सफाई संबंधी जानकारी भी प्रदान करते हैं। लोकेंद्र के अनुसार, पीएम सूर्य घर योजना के तहत सोलर पैनल इंस्टॉलेशन के लिए ग्राहकों से कुछ दस्तावेज जैसे बिजली बिल, ईमेल, मोबाइल नंबर, कैंसिल चेक, पासबुक, और आधार कार्ड लिया जाता है।
इसके बाद सबसे पहले रजिस्ट्रेशन किया जाता है और फीजिबिलिटी चेक की जाती है। इंस्टॉलेशन प्रक्रिया को पूरा करने में आमतौर पर 4 से 7 दिन का समय लगता है। इंस्टॉलेशन के बाद रिपोर्ट सबमिट की जाती है और फिर डिस्काउंट के तहत इंस्पेक्शन रिपोर्ट तैयार की जाती है।
इसके बाद नेट मीटर के लिए आवेदन किया जाता, और जैसे ही नेट मीटर इंस्टॉल हो जाता है, सोलर सिस्टम चालू हो जाता है। इसके बाद सब्सिडी आवेदन प्रक्रिया भी शुरू की जाती, और महज 15 दिनों में सब्सिडी कंज्यूमर के खाते में आ जाती है।