वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करने जा रही हैं। सरकारी कर्मचारियों की निगाहें इस बजट पर टिकी हुई हैं, क्योंकि रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी सरकार उन्हें एक बड़ा तोहफा दे सकती है। सरकारी कर्मचारियों को वेतन वृद्धि, भत्तों में सुधार और रिटायरमेंट लाभों में वृद्धि की उम्मीद है। इस बजट के जरिए सरकार अपनी नीतियों और योजनाओं को स्पष्ट करेगी, जिससे सरकारी कर्मचारियों का मनोबल बढ़ सकता है। देखते हैं, इस बजट में उनके लिए क्या खास रहता है।
एनपीएस में बड़े सुधार की उम्मीद
सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी आ सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में बड़ा सुधार करने की योजना बना रही है। इस बजट में फिक्स्ड पेंशन का ऐलान किया जा सकता है, जिससे सरकारी कर्मचारियों को आखिरी सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिल सकता है।
अगर यह घोषणा होती है, तो यह कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत होगी, क्योंकि वे लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना या एनपीएस में सुधार की मांग कर रहे हैं। वर्तमान में, 2004 के बाद नियुक्ति पाने वाले सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस सब्सक्राइब करना अनिवार्य है।
यदि कोई कर्मचारी 25 से 30 साल तक एनपीएस में योगदान करता है, तो उसे उच्च रिटर्न मिल सकता है। फिलहाल, एनपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 10 प्रतिशत योगदान करते हैं, जबकि सरकार 14 प्रतिशत योगदान करती है। ऐसे में एनपीएस में सुधार से कर्मचारियों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षा मिल सकती है, जिससे उनका मनोबल भी बढ़ेगा।
क्या है एनपीएस स्कीम जानिए इसके बारे में
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के तहत, कर्मचारियों को अपनी सैलरी का एक हिस्सा नियमित रूप से एनपीएस खाते में जमा करना होता है।
मैच्योरिटी के समय, कर्मचारी पूरे फंड का 60 प्रतिशत हिस्सा एकमुश्त निकाल सकते हैं, जबकि शेष 40 प्रतिशत से उन्हें पेंशन फंड खरीदना होता है। इससे कर्मचारियों को नियमित पेंशन मिलती रहती है।
ओल्ड पेंशन स्कीम की पुरानी मांग क्या है
सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को बहाल करने की मांग लंबे समय से चली आ रही है। ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत, कर्मचारियों को सरकार की ओर से फिक्सड पेंशन मिलती है, जो उनके रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। इसके साथ ही, कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) भी मिलती है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति में स्थिरता बनी रहती है।