रिन्यूएबल एनर्जी सॉल्यूशन प्रोवाइडर कंपनी सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड के शेयरों में इन दिनों जमकर मुनाफावसूली देखी जा रही है। कंपनी के शेयरों में गिरावट का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा। बीते शुक्रवार को सुजलॉन एनर्जी का शेयर 7% से अधिक गिरकर 61.84 रुपये के स्तर पर पहुंच गया, जो इंट्राडे में इसका लो लेवल था।
इस गिरावट के पीछे कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (नए कारोबार) ईश्वर चंद मंगल का इस्तीफा अहम कारण माना जा रहा है। कंपनी ने जानकारी दी कि मंगल ने नए अवसर तलाशने” के लिए 8 नवंबर, 2024 को अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इस्तीफे के संदर्भ में मंगल ने कहा 28 वर्षों से सुजलॉन के साथ काम करने के बाद यह निर्णय लेना मेरे लिए बहुत कठिन था।
क्या लगातार शेयर टूट रहा है जानिए
सुजलॉन एनर्जी के शेयर बीएसई पर पिछले कुछ समय से अस्थिरता का सामना कर रहे हैं। बीते 12 सितंबर 2024 को इसने 52-सप्ताह का उच्च स्तर 86.04 रुपये प्रति शेयर दर्ज किया, जबकि 2 नवंबर 2023 को इसका निचला स्तर 31.35 रुपये रहा। हालांकि, कंपनी के शेयरों में पिछले 6 महीनों में 60% और 2024 में अब तक 65% की बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले एक साल में शेयर में कुल 64% का इजाफा हुआ है।
पिछले 5 सालों में सुजलॉन के शेयरों में लगभग 2200% का उछाल दर्ज किया गया, जिसमें यह 2 रुपये से बढ़कर मौजूदा स्तर तक पहुंच गया। इस उछाल ने निवेशकों का ध्यान खींचा, लेकिन हालिया गिरावट निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गई है।
जानिए सितंबर तिमाही के नतीजे के बारे में
अक्षय ऊर्जा समाधान क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सुजलॉन एनर्जी ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। सितंबर 2023 में समाप्त तिमाही में कंपनी का एकीकृत शुद्ध मुनाफा लगभग दोगुना होकर 201 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 102 करोड़ रुपये था।
कंपनी की कुल आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो एक साल पहले 1,428.69 करोड़ रुपये थी और अब बढ़कर 2,121.23 करोड़ रुपये हो गई है। सुजलॉन समूह के वाइस चेयरमैन गिरीश तांती ने कहा कि कंपनी का मुख्य कारोबार अब तेजी से बढ़ते बाजार का लाभ उठाने के लिए मजबूत स्थिति में है।
साथ ही, कंपनी के सीएफओ हिमांशु मोदी ने भी बताया कि भारी मानसून के बावजूद, कंपनी ने 96% सालाना लाभ और मजबूत मार्जिन के साथ स्थिर वृद्धि हासिल की है। कंपनी ने अपनी दीर्घकालिक विकास रणनीतियों पर जोर देते हुए अपनी संगठनात्मक क्षमताओं को मजबूत करने और स्थायित्व बढ़ाने के लिए कई रणनीतिक उपायों को लागू किया है। वर्तमान में, सुजलॉन की ऑर्डर बुक 5.1 गीगावाट पर है, जो कंपनी की बाजार में मजबूत उपस्थिति को दर्शाती है।