हाल के दिनों में Waaree Energies के शेयर बाजार में धूम मचाए हुए हैं। पहले शानदार लिस्टिंग के बाद इसके शेयरों में लगातार बढ़त देखने को मिल रही थी। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी बयानों के बाद इसमें गिरावट आई है। ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कहा है कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो अमेरिका के निर्यात को बढ़ाने के लिए कड़े कदम उठाएंगे।
इस संभावित नीति का असर भारतीय सौर ऊर्जा कंपनियों पर भी पड़ सकता है, खासकर Waaree Energies जैसी कंपनियों पर, जो अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं। इससे निवेशकों को सतर्क रहकर आगे बढ़ने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि ऐसी वैश्विक घटनाएं सीधे तौर पर उनके निवेश पर असर डाल सकती हैं।
क्या क्या बदल सकता है जानिए
डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद उनके बयानों से वैश्विक सोलर इंडस्ट्री में हलचल मच गई है। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि वे पदभार संभालते ही रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर रोक लगाने पर विचार करेंगे। इस बयान से खासकर भारतीय सोलर कंपनियों पर दबाव बढ़ सकता है, जिनमें Waaree Energies भी शामिल है।
भारतीय कंपनियां अमेरिका को सोलर मॉड्यूल्स का निर्यात करती हैं, और वहां की नई नीतियों का सीधा प्रभाव उनके कारोबार पर पड़ेगा। अगर अमेरिका में सोलर प्रोजेक्ट्स बंद होते हैं, तो इन कंपनियों को नए बाजार तलाशने पड़ सकते हैं।
दो कारोबारी दिनों में Waaree Energies के निवेशकों को लगा झटका, शेयरों में भारी गिरावट
पिछले दो कारोबारी दिनों में Waaree Energies के निवेशकों के लिए हालात चुनौतीपूर्ण साबित हुए हैं। शुक्रवार को कंपनी के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जिसमें बीएसई पर स्टॉक की कीमत 6.66 प्रतिशत गिरकर 3133.85 रुपये तक पहुंच गई। इससे पहले, गुरुवार को भी शेयरों में गिरावट का सिलसिला जारी रहा था।
शुक्रवार को बाजार बंद होते वक्त कंपनी का मार्केट कैप घटकर 90,030.25 करोड़ रुपये पर आ गया, जो पहले एक लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर चुका था। यह गिरावट तब देखने को मिली जब Waaree Energies का स्टॉक अपने इश्यू प्राइस से 150 प्रतिशत ऊपर पहुंच चुका था। बता दें कि कंपनी का आईपीओ प्राइस बैंड 1503 रुपये तय किया गया था और लिस्टिंग पर शेयर की शुरुआती कीमत 2500 रुपये थी।