अडानी समूह की सहायक कंपनी हानि वर ने गुरुवार को बताया कि उन्हें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से 4,101 करोड़ रुपये का एडवांस भुगतान कर अमरकंटक पावर लिमिटेड (एएपीएल) का अधिग्रहण करने की मंजूरी मिल गई है। बीएसई को दी गई सूचना के अनुसार, अमरकंटक पावर लिमिटेड वर्तमान में अक्षम्यता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) के तहत समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है।
इस प्रक्रिया के तहत, अमरकंटक पावर लिमिटेड के अधिग्रहण के लिए अडानी समूह की कंपनी हानि वर ने अपने प्रस्ताव को प्रस्तुत किया था। अब एनसीएलटी द्वारा मंजूरी मिलने के बाद, हानि वर ने अमरकंटक पावर लिमिटेड के संचालन की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली है।
अडानी समूह का यह कदम ऊर्जा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। यह अधिग्रहण न केवल समूह की ऊर्जा क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि इसे भविष्य के लिए तैयार करने में भी मदद करेगा।
अडानी पावर का बयान: एनसीएलटी की शर्तों के तहत पूरा होगा अमरकंटक पावर का अधिग्रहण
अडानी पावर ने जानकारी दी है कि एनसीएलटी की हैदराबाद पीठ द्वारा स्वीकृत अधिग्रहण समाधान योजना को कुछ पूर्व निर्धारित शर्तों की पूर्ति के अधीन मंजूरी मिली है। इस योजना के तहत, अडानी पावर अमरकंटक पावर लिमिटेड (एएपीएल) में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी।
कंपनी ने बताया कि यह अधिग्रहण एनसीएलटी से अनुमोदन मिलने की तारीख से 50 दिनों के भीतर, यानी 20 अक्टूबर 2024 तक पूरा किया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य अमरकंटक पावर लिमिटेड के वित्तीय संकट को सुलझाना और इसे पुनर्जीवित करना है।
अडानी पावर का यह कदम कंपनी की विस्तार योजनाओं का हिस्सा है, जिसके तहत वह ऊर्जा क्षेत्र में अपनी पकड़ को और मजबूत करना चाहती है। एनसीएलटी की शर्तों के अनुसार, अधिग्रहण की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी, ताकि सभी पक्षों के हित सुरक्षित रहें। यह अधिग्रहण न केवल अडानी पावर के लिए फायदेमंद साबित होगा, बल्कि इससे अमरकंटक पावर लिमिटेड को भी अपने वित्तीय और संचालन संबंधी मुद्दों से उबरने में मदद मिलेगी।
अमरकंटक पावर लिमिटेड का परिचय: अडानी पावर का विस्तार और स्टॉक मार्केट की ताज़ा स्थिति
अमरकंटक पावर लिमिटेड छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित है और यह 600 मेगावाट क्षमता वाले ताप विद्युत संयंत्र का संचालन करती है। इस संयंत्र का अधिग्रहण करने के बाद, अडानी पावर की संयुक्त परिचालन क्षमता बढ़कर 15,850 मेगावाट हो जाएगी। यह अधिग्रहण अडानी पावर के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे कंपनी की ऊर्जा उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
अडानी पावर के शेयर बाजार की बात करें तो गुरुवार को कंपनी के शेयरों में बड़ी गिरावट देखी गई। सप्ताह के चौथे दिन, अडानी पावर का शेयर 673.85 रुपये पर बंद हुआ, जिसमें पिछले दिन की तुलना में 3.04% की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट बाजार के अनिश्चित माहौल और निवेशकों की सावधानी के कारण हो सकती है।
रिलायंस पावर के प्रोजेक्ट पर अडानी की नजर: बुटीबोरी थर्मल पावर प्लांट के अधिग्रहण की तैयारी
अडानी पावर अपनी विस्तार योजनाओं के तहत अब रिलायंस पावर के पावर प्रोजेक्ट्स पर नजर गड़ाए हुए है। हाल ही में मीडिया में ऐसी खबरें सामने आई हैं कि अडानी पावर नागपुर में स्थित 600 मेगावाट के बुटीबोरी थर्मल पावर प्लांट को खरीदने की योजना बना रही है। इस पावर प्लांट पर अनिल अंबानी की रिलायंस पावर का मालिकाना हक है।
सूत्रों के अनुसार, अडानी पावर ने इस प्रोजेक्ट के अधिग्रहण के लिए शुरुआती बातचीत शुरू कर दी है। इस डील का मूल्य 2400 से 3000 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है। अगर यह अधिग्रहण सफल होता है, तो अडानी पावर की ऊर्जा उत्पादन क्षमता में और इजाफा होगा, जिससे कंपनी की स्थिति ऊर्जा क्षेत्र में और भी मजबूत हो जाएगी।
बुटीबोरी थर्मल पावर प्लांट के अधिग्रहण से अडानी पावर को महाराष्ट्र के बाजार में अपनी पकड़ और भी मजबूत करने का अवसर मिलेगा। यह कदम न केवल कंपनी की व्यवसायिक रणनीति के अनुरूप है, बल्कि इसके जरिए अडानी पावर अपनी उत्पादन क्षमता और बाजार हिस्सेदारी को भी बढ़ा सकेगी।