रिलायंस पावर के शेयर इन दिनों निवेशकों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। हाल ही में इस कंपनी के शेयरों ने शानदार प्रदर्शन किया है। बीते शुक्रवार को रिलायंस पावर के शेयर 5% तक बढ़कर 34.57 रुपये पर पहुंच गए। कंपनी का वर्तमान मार्केट कैपिटलाइजेशन 13,886.67 करोड़ रुपये है। पिछले पांच दिनों में इस स्टॉक ने 15% की बढ़ोतरी दर्ज की है और पिछले एक साल में 90% तक चढ़ चुका है।
रिलायंस पावर ने हाल ही में कर्ज मुक्त (debt-free) होने की घोषणा की है, जो निवेशकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। इसके अलावा, इस कंपनी में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की भी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। LIC के पास रिलायंस पावर के 10,27,58,930 शेयर हैं, जो कंपनी के कुल शेयरों का 2.56% है।
ब्रोकरेज की क्या सलाह है जानें
रिलायंस पावर के शेयरों में हालिया तेजी के बीच, चॉइस ब्रोकिंग के कार्यकारी निदेशक सुमीत बगाड़िया का कहना है कि कंपनी के शेयर ₹32 पर मजबूत आधार बना चुके हैं और इसमें तेजी जारी है। उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि वे ट्रेलिंग स्टॉप लॉस के साथ शेयर को बनाए रखें।
ब्रोकरेज ने रिलायंस पावर के शेयरों पर ‘बाय’ रेटिंग देते हुए अगले कुछ समय के लिए ₹40 का टारगेट प्राइस निर्धारित किया है। यह सुझाव उन निवेशकों के लिए उपयोगी हो सकता है जो छोटी अवधि में मुनाफा कमाना चाहते हैं।
जानिए कंपनी के कारोबार के बारे में
रिलायंस पावर भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिजली परियोजनाओं के विकास, निर्माण और संचालन में अग्रणी भूमिका निभा रही है। कंपनी के पास बिजली उत्पादन क्षमता का बड़ा पोर्टफोलियो है, जिसमें परिचालन संपत्तियों के साथ-साथ विकासाधीन परियोजनाएं भी शामिल हैं। अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से, रिलायंस पावर विभिन्न प्रकार की बिजली परियोजनाओं में निवेश करती है, जिससे वह ऊर्जा क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति बनाए हुए है।
कंपनी के तिमाही नतीजे जानिए क्या हैं
रिलायंस पावर ने FY24 की चौथी तिमाही में 1997 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया है। इस तिमाही में कंपनी का परिचालन लाभ 186 करोड़ रुपये रहा, जबकि शुद्ध घाटा 398 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। वार्षिक प्रदर्शन की बात करें तो, FY24 में कंपनी का कुल राजस्व 7893 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष FY23 के 7514 करोड़ रुपये से अधिक है।
हालांकि, FY24 में परिचालन लाभ 1160 करोड़ रुपये था, लेकिन शुद्ध घाटा 2068 करोड़ रुपये रहा। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि कंपनी के राजस्व और परिचालन लाभ में सुधार हुआ है, लेकिन शुद्ध घाटा अब भी एक चुनौती बना हुआ है।