अगर आप किसी सस्ते और गुणवत्ता वाले शेयर की तलाश में हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। मार्केट विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में पीएसयू स्टॉक एनएचपीसी में जोरदार तेजी देखने को मिल सकती है। इसका मतलब है कि यह शेयर खरीदने का सही समय हो सकता है।
आज गुरुवार को एनएचपीसी के शेयर करीब 2% बढ़कर 103.02 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस शेयर का मूल्य 120 रुपये तक जा सकता है। अगर आप निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो एनएचपीसी का शेयर एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
जानिए ब्रोकरेज की राय के बारे में
अगर आप शेयर बाजार में कम समय में अच्छे रिटर्न की उम्मीद कर रहे हैं, तो एनएचपीसी के शेयर आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिटेल रिसर्च) रवि सिंह का मानना है कि एनएचपीसी के शेयरों में पिछले कुछ सेशंस से सीमित उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, जो इसे एक मजबूत निवेश विकल्प बनाता है।
रवि सिंह के अनुसार, एनएचपीसी के शेयरों में 20% तक का ठोस रिटर्न देने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि एनएचपीसी का टारगेट प्राइस 120 रुपये है, जो वर्तमान प्राइस से लगभग 20% अधिक है। साथ ही, निवेशकों को सुझाव दिया गया है कि वे 93 रुपये के स्टॉप लॉस के साथ निवेश करें, जिससे जोखिम को कम किया जा सके।
कंपनी के शेयरों के क्या हाल हैं जानें
एनएचपीसी के शेयरों ने इस साल निवेशकों को बेहतरीन रिटर्न दिया है। 3 जून को कंपनी के शेयर 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 117.80 रुपये तक पहुंच गए थे। यह शेयर बीएसई 200 इंडेक्स का हिस्सा है और पिछले छह महीनों में इसने 50% का उछाल देखा है।
अगर हम सालभर की बात करें, तो एनएचपीसी के शेयरों ने 125% का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है, यानी निवेशकों का पैसा दोगुने से भी अधिक हो गया है। पिछले तीन सालों में एनएचपीसी के शेयरों ने क्रमशः 228% और 285% का भारी रिटर्न दिया है।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि एनएचपीसी ने अपने निवेशकों को निराश नहीं किया है और उन्हें बड़ा फायदा पहुंचाया है। एनएचपीसी एक सरकारी पावर कंपनी है और हाल ही में इसने जैक्सन ग्रीन के साथ 400 मेगावाट सौर ऊर्जा खरीद समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह परियोजना राजस्थान में स्थित होगी और इसे 24 महीनों के भीतर चालू करने की योजना है। यह परियोजना सालाना चार लाख घरों को बिजली देने के लिए पर्याप्त स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करेगी और केंद्रीय ग्रिड से जुड़ी होगी।
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