हाल ही में वारी एनर्जी के आईपीओ को निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, जिससे यह चर्चा में बना हुआ है। इस आईपीओ ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है, जहां 2.41 लाख करोड़ रुपये की बोलियां लगाई गईं हैं। इसे अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ रिस्पॉन्स माना जा रहा है। यही नहीं, करीब 97.34 लाख लोगों ने इस आईपीओ में आवेदन किया है, जिससे यह अब तक का सबसे अधिक भागीदारी वाला आईपीओ बन गया है।
अब निवेशकों की सबसे बड़ी चिंता है कि इतने बड़े आवेदन के बावजूद कितने लोगों को अलॉटमेंट मिलेगा? इस समय, वारी एनर्जी का ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) भी चर्चा में है, जो फिलहाल 104 फीसदी पर है। इसका मतलब है कि जो भी निवेशक इस आईपीओ के शेयर खरीदेंगे, उन्हें लिस्टिंग पर लगभग 1,503 रुपये प्रति शेयर का फायदा मिल सकता है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि लिस्टिंग की कीमत लगभग 3,061 रुपये प्रति शेयर हो सकती है।
क्या है जानिए
वारी एनर्जी के आईपीओ को मिले जोरदार रिस्पॉन्स ने इसे निवेशकों के बीच हॉट टॉपिक बना दिया है। इस आईपीओ में रिटेल निवेशकों के लिए 1.03 करोड़ शेयर आरक्षित किए गए थे, जिनमें से प्रत्येक रिटेल निवेशक को न्यूनतम नौ शेयर का लॉट मिलना अनिवार्य है।
इसका अर्थ यह है कि अधिकतम 11.5 लाख रिटेल निवेशक ही इस आईपीओ में शेयर प्राप्त कर पाएंगे। इस बीच, रिटेल सेगमेंट में रिकॉर्ड तोड़ 88 लाख से अधिक आवेदन मिले हैं, जिससे स्पष्ट है कि हर आठ में से केवल एक आवेदन को ही शेयर का न्यूनतम लॉट प्राप्त हो सकेगा। इससे निवेशकों में यह सवाल उठ रहा है कि क्या उन्हें यह मौका मिल पाएगा या नहीं।
इसके अतिरिक्त, क्यूआईबी (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स) सेगमेंट ने भी 208.63 गुना सब्सक्रिप्शन हासिल किया है। इस सेगमेंट में शेयरों का आवंटन आनुपातिक आधार पर किया जाएगा। छोटे एनआईआई (नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स) हिस्से में 50.85 गुना सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ है, जिससे यह तय है कि यहां भी सभी निवेशकों को शेयर नहीं मिल पाएंगे। इस आईपीओ में एंकर निवेशकों के लिए 1,276.93 करोड़ रुपये का हिस्सा आरक्षित रखा गया है, और कुल साइज 4,321 करोड़ रुपये है।
वारी एनर्जी आईपीओ में निवेशकों के लिए तगड़ा मुकाबला, जानिए
वारी एनर्जी आईपीओ में निवेशकों की भारी भीड़ उमड़ी है, जिसमें हर सेगमेंट में अधिक आवेदन और सीमित शेयरों के चलते अलॉटमेंट की प्रक्रिया काफी प्रतिस्पर्धी हो गई है। छोटे एनआईआई सेगमेंट को कुल 4.99 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, लेकिन इस सेगमेंट में केवल 11,000 से कम आवेदनों को ही न्यूनतम लॉट मिलेगा।
इसका मतलब है कि यहां 45 में से केवल एक आवेदन को ही 2 लाख रुपये के शेयर का न्यूनतम लॉट मिल सकेगा। बड़े एनआईआई सेगमेंट की बात करें तो इसे 68.30 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है और कुल 2.71 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस सेगमेंट में अगर बैंकर्स और कंपनी 2 लाख रुपये के शेयर आवंटित करने का निर्णय लेते हैं, तो अधिकतम 21,900 आवेदकों को ही अलॉटमेंट मिल पाएगा।
नियमानुसार, बड़े एनआईआई कैटेगरी में भले ही न्यूनतम निवेश 10 लाख रुपये निर्धारित है, लेकिन ओवरसब्सक्रिप्शन की स्थिति में इसे घटाकर 2 लाख रुपये के शेयर तक सीमित किया जा सकता है। रिटेल निवेशकों के लिए 1.03 करोड़ शेयर आरक्षित थे, जिनमें से प्रत्येक को नौ शेयर का न्यूनतम लॉट मिलना अनिवार्य था, जिससे रिटेल निवेशकों की अधिकतम संख्या 11.5 लाख रह जाती है। अब निवेशक इस बहुप्रतीक्षित अलॉटमेंट लिस्ट के जारी होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे जान सकें कि उन्हें इस प्रतिस्पर्धी आईपीओ में भागीदारी का मौका मिल पाता है या नहीं।