अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद वारी एनर्जी लिमिटेड के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है। पिछले तीन कारोबारी दिनों में कंपनी के शेयरों में 22% से अधिक की गिरावट आई है। सोमवार को बीएसई पर वारी एनर्जी का शेयर करीब 10% गिरकर 2822.60 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। ट्रंप ने अपनी चुनावी स्पीच में स्पष्ट किया था कि वे रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स को रोक देंगे, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
अगर ट्रंप की नीतियाँ लागू होती हैं, तो अमेरिका में रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स पर रोक लग सकती है, जिसका असर वारी एनर्जी जैसी भारतीय कंपनियों पर भी पड़ेगा।वारी एनर्जी जैसी कंपनियां अमेरिकी बाजार में एक्सपोर्ट करती हैं, और यदि रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स पर रोक लगती है, तो इनकी सेल्स और रेवेन्यू पर सीधा असर पड़ सकता है।
क्या वारी एनर्जी का अमेरिकी प्लांट भी खतरे में जानिए
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के साथ भारतीय कंपनियों की विस्तार योजनाओं पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। वारी एनर्जी जैसी कंपनियाँ, जो अमेरिकी बाजार में बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट करती हैं, अब अपनी योजनाओं पर पुनर्विचार कर रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, वारी एनर्जी का अमेरिका में 3 गीगावाट का प्लांट लगाने का प्लान था, जो अब ट्रंप की नीतियों से प्रभावित हो सकता है। अगर ट्रंप अपने रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स को बंद करने के फैसले पर अड़े रहते हैं, तो इससे न केवल वारी एनर्जी, बल्कि अन्य भारतीय कंपनियों के लिए भी अमेरिका में व्यवसायिक विस्तार करना मुश्किल हो सकता है।
क्या वारी एनर्जी के मार्केट कैप में 19,000 करोड़ की गिरावट जानिए
पिछले तीन कारोबारी दिनों में भारी गिरावट के चलते वारी एनर्जी के मार्केट कैप में 19,000 करोड़ रुपये की कमी आई है। कंपनी का मार्केट कैप अब एक लाख करोड़ रुपये से घटकर 81,000 करोड़ रुपये रह गया है। वारी एनर्जी ने बीएसई पर 69.70% के प्रीमियम के साथ 2550 रुपये पर लिस्टिंग की थी, जबकि इसके आईपीओ का अपर प्राइस बैंड 1503 रुपये था।
अपनी लिस्टिंग के बाद से, वारी एनर्जी के शेयरों में 49% तक की तेजी आई थी, जिससे निवेशकों को अच्छा मुनाफा मिला। 21 अक्टूबर को लॉन्च हुआ वारी एनर्जी का आईपीओ निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय रहा।