गर्मियों के मौसम में बिजली की खपत बढ़ जाती है, खासकर जब एसी का उपयोग होता है। इस बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने और बिजली के बिल को कम करने के लिए सोलर पैनल एक बेहतरीन समाधान हो सकते हैं। सोलर पैनल से प्राप्त बिजली न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी होती है, बल्कि यह आपके मासिक खर्च को भी काफी हद तक कम कर सकती है।
गर्मियों में एसी का प्रयोग अधिक होने के कारण, बिजली की जरूरत भी बढ़ जाती है। सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली का उपयोग करके आप आसानी से एसी चला सकते हैं, जिससे दिन भर ठंडक और आराम मिल सके।
1.5 टन एसी चलाने के लिए सोलर पैनल
गर्मियों में 1.5 टन क्षमता वाले एसी का उपयोग करना अब बिजली बिलों को कम करने का एक सुझावपूर्ण तरीका बन गया है। इस क्षमता के एसी को चलाने के लिए आपको लगभग 2.5 किलोवाट की सोलर पैनल की आवश्यकता होती है।
यहाँ एक उदाहरण है: अगर आपके पास 535 वाट के सोलर पैनल हैं, तो आप इसे 5 पैनलों में विभाजित करके अपने घर के एसी को चला सकते हैं। यह न केवल आपके बिजली के बिलों को कम करेगा, बल्कि पर्यावरण को भी हानि नहीं पहुँचाएगा। सोलर पैनल एक स्थायी और साइबर्जनी उपाय हो सकता है जो आपको दिन-प्रतिदिन की जिम्मेदारियों से आराम प्रदान करता है।
इसका उपयोग कैसे किया जाता है जानें
सोलर पैनल के माध्यम से एसी चलाने से आपको कई लाभ मिलते हैं। सबसे पहले तो, इससे आप अपनी ऊर्जा का सही उपयोग कर सकते हैं और बिजली बिल को कम कर सकते हैं। जैसे कि, एक 1.5 टन क्षमता वाले एसी को चलाने के लिए आपको लगभग 1.5 यूनिट बिजली की खपत होती है।
अगर आप इसे सोलर पैनल से चलाते हैं, तो आप हर दिन 10 से 12 यूनिट बिजली प्राप्त कर सकते हैं, जो कि आपके बिजली बिल को काफी कम करने में मदद करेगा।
1.5 टन एसी के लिए सोलर पैनल की कीमत क्या होगी जानें
आजकल सोलर पैनल से एसी चलाना एक सस्ता और ऊर्जा बचाने का उत्तम तरीका है। एक 1.5 टन क्षमता वाले एसी को चलाने के लिए आपको लगभग 2.5 किलोवाट के सोलर सिस्टम की आवश्यकता होती है। इसका कुल खर्चा सोलर पैनल और उनके ब्रांड पर निर्भर करता है, लेकिन आमतौर पर इसका खर्च लगभग 1.25 लाख रुपये तक हो सकता है।
अगर आप सरकार की पीएम सूर्य घर योजना का लाभ उठाते हैं, तो आपको इस पर 69,000 रुपये की सब्सिडी भी प्राप्त हो सकती है। इससे आपका खर्च काफी कम हो जाएगा और आप लगभग 65,000 रुपये में अपने घर में सोलर सिस्टम लगा सकते हैं। यह न केवल आपके बिजली बिल को कम करेगा, बल्कि आप पर्यावरण के लिए भी अच्छा कर रहें हैं।
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