solar tax benefits: सोलर पैनल का उपयोग करना एक बेहतर विकल्प है जो आपके बिजली के खर्च को कम कर सकता है और प्रकृति को भी नुकसान से बचाने में मदद कर सकता है। इन पैनलों के अच्छे प्रदर्शन और ऊर्जा की उत्तम उपयोग के कारण, रिन्यूएबल ऊर्जा का उपयोग दुनिया भर में बढ़ रहा है। भारत भी इस क्षेत्र में अग्रणी है और रिन्यूएबल ऊर्जा क्षेत्र में कई प्रगति के कदम उठा रहा है।
साल 2024 के अंत तक, भारत में 175 जीडब्ल्यू की रिन्यूएबल ऊर्जा क्षमता तक पहुंचा जाएगा, जिसमें 100 जीडब्ल्यू की क्षमता सोलर पैनलों से होगी। MNRE की नई पहल के तहत, देश में 40 जीडब्ल्यू की क्षमता के सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाए जाएंगे।
इस स्कीम के माध्यम से, देश के करोड़ों घरों में सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जो लोगों के बिजली के बिल को कम करेगा और ग्रिड बिजली पर निर्भरता को कम करेगा। इससे नागरिकों का कार्बन प्रभाव भी कम होगा और रिन्यूएबल ऊर्जा के प्रति भरोसा भी बढ़ेगा। इस सरकारी योजना से, सोलर पैनलों की लगने वाली आरंभिक लागत भी कम हो जाएगी।
जानिए सोलर एनर्जी से होने वाले फायदे:
सोलर प्रोजेक्ट्स को सेल्स टैक्स से छूट देने से उनकी कॉस्ट में कमी आती है, जिससे सोलर पैनल खरीदने की दाम पर कोई बाधा नहीं होती। इससे प्रोजेक्ट्स की प्रोडक्शन कॉस्ट भी कम होती है, जिससे उत्पाद की लागत कम होती है। इसके अलावा, इम्पोर्टेड सोलर पैनलों पर कोई कस्टम ड्यूटी नहीं होती, जो उनकी कॉस्ट को और भी कम करता है।
प्रोजेक्ट इनकम पर पहले दस वर्षों तक कोई इनकम टैक्स नहीं होता, जिससे लोगों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। सोलर पावर प्रोजेक्ट्स पहले ही साल में अपनी कॉस्ट का 40% रिकवर कर सकते हैं और एक्स्ट्रा बिजली को ग्रिड में वापस भेजकर बीडीरेक्शनल पावर फ्लो की सुविधा मिलती है। इसके साथ ही, ग्रिड में एक्स्ट्रा बिजली स्टोर करने पर कंस्यूमर को कंपन्सेशन भी मिलता है।
क्या है सोलर रूफटॉप प्रोजेक्ट्स
आजकल, बिजली एक महत्वपूर्ण संसाधन बन चुका है, लेकिन इसकी ताजगी और पर्यावरण संरक्षा के लिए हमें अल्टरनेटिव सोर्सेस की ओर देखने की आवश्यकता है। सरकार अब इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, शहरों और गांवों में सोलर रूफटॉप प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।
यह पहल न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मददगार होगी, बल्कि हर घर को बिजली की आपूर्ति में भी बदलाव लाएगी। उपलब्ध योजनाओं में सहायता प्राप्त करने के लिए लोगों को किसी भी आय स्तर का हो, कोई भी मुफ्त बिजली का लाभ उठा सकेगा।
इसके साथ ही, सोलर एनर्जी के उत्पादन और उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए अनुबंधक, बिजली कंपनियों और नियामक एजेंसियों के बीच समझौते भी होंगे। इन समझौतों से, सोलर एनर्जी के प्रोडक्शन और उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
सौर ऊर्जा का भारत में भविष्य
सौर ऊर्जा उत्पादकों को प्रति इकाई बिजली के लिए रिन्यूएबल एनर्जी सर्टिफिकेट्स (RECs) के माध्यम से भी प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्र को कार्बन न्यूट्रल बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
भारत में सौर ऊर्जा की क्षमता अब 44.3 GW है, जो पहले केवल 1 गीगावॉट थी। इस तरह के विकास से, गांवों और शहरों में ऊर्जा में समान वृद्धि हो रही है, जो हमारे समाज को ऊर्जा स्वतंत्र बनाने में मदद कर रही है।
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