Old Pension: कर्मचारियों की हुई मौज! पुरानी पेंशन को लेकर कल की बैठक में हुआ बड़ा फैसला…

हाल ही में पुरानी पेंशन योजना को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है, जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। पिछले सोमवार को दोपहर 3 बजे वित्त मंत्रालय द्वारा गठित टी.वी. सोमनाथन की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए स्टाफ साइड के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई गई थी।

हालांकि, बैठक शुरू होने से पहले ही अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ ने इस बैठक का बहिष्कार कर दिया था। इसके बावजूद, JCM के साथ बैठक सही समय पर आयोजित की गई। इस मीटिंग में पुरानी पेंशन योजना पर गहन चर्चा हुई और कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग पर सकारात्मक संकेत मिले हैं, लेकिन अंतिम निर्णय अभी भी प्रक्रियाधीन है। 

कर्मचारियों की मांग और सरकार की चुनौतियाँ

कर्मचारी और पेंशनभोगी दोनों लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना के बहाल होने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर कई सालों से धरना-प्रदर्शन किया गया है, लेकिन सरकार इसे रोकने में सफल नहीं हो पाई है। हाल ही में अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ ने एक बयान जारी करके साफ किया है कि वे नई पेंशन योजना में किसी भी संशोधन की स्वीकृति नहीं देंगे।

उनका मानना है कि ऐसा संशोधन कर्मचारियों के साथ गद्दारी होगी। इस बीच, सरकार और उनके संघर्षों के बीच एनपीएस में संशोधन के लिए मजबूर हो गई है। धरना-प्रदर्शन ने सरकार को इस मुद्दे पर कठिनाई महसूस कराया है और उन्हें एनपीएस में कुछ बदलाव करने के लिए मजबूर किया है। यह मुद्दा कर्मचारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उनकी आर्थिक सुरक्षा पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है।

एनपीएस में संशोधन एक झुनझुना क्या है आइये जानते हैं 

केंद्र सरकार ने हमेशा से एनपीएस को कर्मचारियों के लिए सबसे अच्छा पेंशन योजना माना है, लेकिन क्या यह सच है, यह कर्मचारी बेहतर तरीके से जानते हैं। वे जो एनपीएस से रिटायर हो रहे हैं, उन्हें मात्र 1000 या 2000 रुपये की पेंशन मिल रही है, जिससे वे अपना गुजारा भी नहीं कर पा रहे हैं। इस परिस्थिति में, सरकार को पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की आवश्यकता है। यह सवाल उठता है कि क्या एनपीएस में संशोधन वास्तविक रूप से कर्मचारियों के लिए उपयुक्त है।

जानते हैं कि बैठक में लिया गया निर्णय क्यों मंजूर नहीं था 

कर्मचारियों के लंबे संघर्ष के बाद, सरकार ने नई पेंशन योजना में संशोधन करने का निर्णय लिया, लेकिन यह संशोधन कर्मचारियों द्वारा मंजूर नहीं हुआ। टी.वी. सोमनाथन की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक 15 जुलाई को आयोजित की गई थी, लेकिन इससे पहले ही अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी संघ ने इसे बहिष्कार कर दिया। उनका मानना था कि इस बैठक का कोई निर्णय उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगा।

क्या है AIDIF के सचिव का बयान जानते हैं 

अखिल भारतीय कर्मचारी महासंघ के सचिव ने बताया कि उनके अनुसार यह बैठक सिर्फ चाय-नाश्ते के लिए आयोजित की गई है और इसमें कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया नहीं जाएगा। उनका मानना है कि अगर कोई निर्णय भी लिया जाता है, तो वह कर्मचारियों के पक्ष में नहीं होगा। उन्होंने संगठनों को सलाह दी है कि वे सरकारी बहकावे में न आएं और कर्मचारियों के हित में सही निर्णय लें।

Prashant Raghav is Finance content creator and covering latest share news, Solar News and green energy news from last 2 year. Prashant's strong writing skills and Financial knowledge make his content informative and engaging for readers. Contact: [email protected]

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