सोलर पैनल आजकल घरों की छतों पर लगाना एक लोकप्रिय और स्मार्ट विकल्प बन गया है। इसमें लगे सोलर सेल, जो सिलिकॉन जैसे अर्धचालक पदार्थों से बने होते हैं, सूर्य की रोशनी को सीधा बिजली में बदलते हैं। जब सूरज की किरणें इन सोलर सेल्स पर पड़ती हैं, तो ये इलेक्ट्रॉनों को सक्रिय करते हैं, जिससे बिजली उत्पन्न होती है।
इस प्रक्रिया में डीसी (डायरेक्ट करंट) बिजली का उत्पादन होता है। सोलर पैनल न सिर्फ आपकी बिजली की जरूरतों को पूरा करते हैं, बल्कि बिजली के बिल में भी काफी बचत करते हैं। आजकल, सोलर पैनल का उपयोग केवल घरों में ही नहीं, बल्कि व्यवसायिक और औद्योगिक क्षेत्रों में भी तेजी से बढ़ रहा है।
क्या हैं सोलर पैनल लगाने के फायदे जानें
आज के दौर में सोलर पैनल लगाना एक समझदारी भरा निवेश साबित हो रहा है। सोलर पैनल के कई फायदे हैं, जो न सिर्फ आपके बिजली बिल को कम करते हैं बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। सोलर पैनल सूर्य की रोशनी से बिजली पैदा करते हैं, जिससे आप बिजली बिल में 70% तक की बचत कर सकते हैं।
इसका मतलब है कि आपका मासिक खर्च काफी कम हो सकता है। सोलर पैनल से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा पूरी तरह से स्वच्छ होती है, जिससे प्रदूषण में कमी आती है। इसके इस्तेमाल से आप अपने कार्बन फुटप्रिंट को भी कम कर सकते हैं, जो पर्यावरण के लिए फायदेमंद है। सोलर पैनल को बहुत कम रखरखाव की जरूरत होती है और इनकी आयु करीब 25 साल तक हो सकती है। यानी, एक बार स्थापित करने के बाद आपको ज्यादा चिंता नहीं करनी पड़ेगी। सरकार सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी भी देती है, जिससे इसे लगाना और भी किफायती हो जाता है।
सोलर पैनल लगाने का कितना खर्चा होता है जानिए
सोलर पैनल सिस्टम लगाने में मुख्य रूप से सोलर पैनल, सोलर इन्वर्टर और बैटरी का उपयोग किया जाता है। इसे दो प्रकार से लगाया जा सकता है: ऑफग्रिड और ऑनग्रिड। ऑनग्रिड सिस्टम में बैटरी की जरूरत नहीं होती, जिससे इसका खर्चा थोड़ा कम हो जाता है।
साथ ही, ऑनग्रिड सोलर सिस्टम लगाने पर आपको सरकारी सब्सिडी भी मिलती है, जिससे यह और भी किफायती हो जाता है।1 किलोवाट के सोलर सिस्टम की कीमत लगभग 50 हजार से 60 हजार रुपये के बीच होती है। यदि आप सरकारी योजना का लाभ उठाते हैं, तो इस पर आपको लगभग 30 हजार रुपये की सब्सिडी भी मिल सकती है।